कर्ज ना चुका पाने के बाद विदेश भाग चुके बिजनेसमैन विजय माल्या ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा।
नई दिल्ली। कर्ज ना चुका पाने के बाद विदेश भाग चुके बिजनेसमैन विजय माल्या ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। बैंक डिफाल्टर विजय माल्या ने कहा कि इस मामले में उन्हे जबरदस्ती नॉन परफोरमिंग असेट्स यानि एनपीए का एक पोस्टर ब्वॉय बना दिया गया।
मुझ पर बहुत क्रूर मीडिया ट्रायल हुआ है: विजय माल्या
विजय माल्या ने कहा कि उनकी एयरलाइन के व्यापारिक घाटे का बहुत बड़ा खामियाजा उन्हे भुगतना पड़ा। गुरुवार को माल्या के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया। इस शपथ पत्र में विजय माल्या ने लिखा है कि उसे बहुत ही क्रूर मीडिया ट्रॉयल से गुजरना पड़ा है। माल्या ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि उसे अपनी आर्थिक जिम्मेदारी निभाने के लिए न्यायसंगत लाभ मिलना चाहिए। विजय माल्या ने उच्चतम न्यायालय से ये आग्रह भी किया कि उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को वापस लिया जाए। माल्या पर करीब 9 हजार करोड़ का कर्जा है। बैंकों को ये कर्ज ना चुकाने की वजह से माल्या बैंक के डिफॉल्टर बन गए थे। कोर्ट याचिकर्ताओं को गुप्त और परोक्ष उद्देश्यों के लिए प्रक्रिया के दुरुपयोग की अनुमति नहीं देता।
कंपनी के डायरेक्टर और सदस्य डिफॉल्टर नहीं हैं: माल्या
विजय माल्या जो इस समय भारतीय बैंकर्स के लिए सबसे बड़े कर्जदाता बन गए हैं वो उल्टा बैंकों पर ही अन्यायपूर्ण होने का आरोप लगा रहे हैं। माल्या बैंकों की ओर से किए गए मुकदमे को दोषी ठहरा रहा है और खुद को एक सच्चा बिजनेसमैन बता रहा है जिसको कॉमर्शियल रूप से हानि हुई है। माल्या के विदेश भागने के बाद बैंक कोर्ट पहुंचे थे। बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दखल करने का निवेदन किया था। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस कुरियन जोसफ और आरएफ नरीमन की बेंच ने माल्या से उसकी संपत्तियों और देनदारियों का भी हिसाब देने को कहा था। माल्या ने ये तर्क भी दिया कि किसी भी कोर्ट ने अभी तक किंगफिशर एयरलाइन और यूनाइटेड ब्रेवरीज किसी की भी देनदारियों की मात्रा को अभी तक निर्धारित नहीं किया। किसी भी आखिरी फैसले से पहले सिर्फ किंगफिशर को ही इसका दोषी सिद्ध किया जाना चाहिए। कंपनी के सभी डायरेक्टर्स, प्रमोटर्स और शेयरहोल्डर इस डिफॉल्ट के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।