कृषि मंत्री (Narendra Singh Tomar) ने बुधवार को एक बड़ा बयान देते हुए किसान संगठनों को वार्ता शुरू करने को लेकर एक नया फॉर्मूला दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि आंदोलन कर रहे किसान नेता नए कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और इस दौरान संयुक्त समिति के माध्यम से मतभेद सुलझाने की केंद्र सरकार की पेशकश पर विचार करने को तैयार हों तो सरकार उनके साथ बातचीत को तैयार है।
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एक कार्यक्रम में तोमर ने कहा कि सरकार किसानों और उनके कल्याण को लेकर प्रतिबद्ध है। सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) के नेतृत्व में किसानों की आय दोगुनी करने और भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने की कोशिशें कर रही है।
सरकार और किसान संगठन के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों से पूरी संवेदना के साथ चर्चा करती रही है। जब भी उनकी (किसान संगठन) ओर से कोई पेशकश आएगी तो भारत सरकार हमेशा बातचीत करने को तैयार है। बता दें कि राकेश टिकैत ने ये धमकी दी थी कि 26 जनवरी की रैली में 4 लाख ट्रैक्टर शामिल हुआ था, लेकिन अब संसद तक मार्च करने के लिए 40 लाख ट्रैक्टर निकाला जाएगा।
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आपको बता दें कि किसान संगठनों और सरकार के बीच कृषि कानूनों की वापसी को लेकर अब तक 11 दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि अब तक को ठोस परिणाम नहीं निकल सका है। किसान संगठन कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं, जबकि सरकार सुझावों के अनुरूप संशोधन करने को तैयार है। दोनों पक्षों में इसको लेकर तकरार जारी है। सरकार और किसान संगठन के बीच अंतिम बातचीत 22 जनवरी को हुई थी।