लेकिन दुनियाभर में कई लोगों ने कोरोना वैक्सीन को लेकर आशंका जाहिर की है। भारत में भी कोरोना वैक्सीन की विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Union Health Minister Dr. Harshvardhan) की ओर से एक बड़ा बयान सामने आया है।
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डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को अपने एक बयान में कहा कि यदि वैक्सीन को लेकर लोगों में कोई शंका है और विश्वास की कमी है तो वह सबसे पहले खुद इसे लगवाएंगे।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि कोरोना वैक्सीन को प्राथमिकता के आधार पर ही लोगों को दी जाएगी। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर बहुत जल्द ही आपातकालीन प्राधिकरण से सहमति बन जाएगी।
प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी वैक्सीन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) को प्राथमिकता के आधार पर लोगों को दी जाएगी। यानी कि सबसे पहले जो फ्रंटलाइन वॉरियर (स्वास्थ्यकर्मी) हैं उन्हें वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद वरिष्ठ नागरिकों और अन्य बीमारी से पीड़ित लोगों को दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में एक भ्रम की स्थिति है। यदि ऐसा है तो वे खुद पहले इसे लगवाएंगे ताकि लोगों में विश्वास बहाल हो।
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बता दें कि भारत में तीन वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में हैं। इन तीन में से दो भारत के अपने वैक्सीन हैं,जबकि तीसरा टीका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का है। अभी हाल ही में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगाई गई है।
इस वजह से वैक्सीन के ट्रायल पर लगी रोक
आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के दौरान परीक्षण में शामिल एक प्रतिभागी पर इसका प्रतिकुल प्रभाव पड़ने की बात सामने आई थी। जिसके बाद इस वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगा दी गई।
अब शनिवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसको लेकर कहा है कि वह भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से मंजूरी मिलने के बाद ही आस्ट्रा जेनेका के Covid-19 टीके का क्लीनिकल ट्रायल बहाल करेगा। दूसरी तरफ ब्रिटेन में मेडिसिन हेल्थ रेगुलेटरी ऑथोरिटी से मंजूरी मिलने के बाद आस्ट्रा जेनेका ऑक्सफोर्ड कोरोना वायरस टीका AZD 1222 का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया है।