दरअसल, भाजपा इन राज्यों में मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही है। केरल और पुडुचेरी में भाजपा अपना पैर जमाने चाहती है, वहीं असम और बंगाल में भाजपा के रणनीति से विरोधी खेमे में खलबली मची है।
लेकिन, किसान संगठनों की घोषणा के बाद से भाजपा की मुश्किलें बढ़ने वाली है। किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में वे भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि वे इन राज्यों में जाकर लोगों से अपील करेंगे कि वे भाजपा को वोट नहीं दे। इसके अलावा 6 मार्च को एक्सप्रेसवे जाम करने का भी ऐलान किया है।
15 मार्च को देशभर में करेंगे धरना प्रदर्शन
स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की आज की बैठक में हमने 15 मार्च तक कार्यक्रमों को अंतिम रूप दे दिया है। 6 मार्च को जब आंदोलन के 100 दिन पूरे होंगे तब किसान सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को अलग-अलग स्थानों पर रोकेंगे।
उन्होंने कहा कि 10 ट्रेड संगठनों के साथ हमारी मीटिंग हुई है। सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण करने के खिलाफ भी 15 मार्च को पूरे देश के मज़दूर और कर्मचारी सड़क पर उतरेंगे और रेलवे स्टेशनों के बाहर जाकर धरना प्रदर्श कर सरकार का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा से आने वाले तीन केंद्रीय मंत्रियों को उनके गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा।
भाजपा के खिलाफ पांच राज्यों में करेंगे प्रचार
आपको बता दें कि किसान मोर्चा ने कहा है कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के बलबीर एस राजेवाल ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल और केरल में चुनावों के लिए अलग-अलग टीमों को भेजेंगे। हम किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे, लेकिन लोगों से अपील करेंगे कि वे उन उम्मीदवारों को वोट दें जो भाजपा को हरा सकते हैं।
किसान संगठनों ने कहा कि पांच मार्च को कर्नाटक से ‘एमएसपी दिलाओ’ आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसके अलावा 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भी प्रदर्शन किया जाएगा।