आपको बता दें कि पटना विश्वविद्यालय शत्रुघ्न के संसदीय क्षेत्र पटना साहिब का ही हिस्सा है। शत्रुघ्न ने बताया कि वे इस विश्वविद्यालय से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं और उसके शताब्दी समारोह में आमंत्रित नहीं किये जाने से उन्हें दु:ख हुआ है। विभिन्न विषयों पर अपनी बेबाक टिप्पणियों के कारण अपनी पार्टी भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाले शत्रुघ्न ने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले अतिथियों की सूची से न केवल उनका नाम गायब है बल्कि यशवंत सिन्हा और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का भी नाम इसमें शामिल नहीं है, जो कि पटना विश्वविद्यालय के मशहूर छात्रों में से एक हैं।
शत्रुघ्न ने बताया कि जब मैंने इन दोनों (यशवंत और लालू) से बात की तो उन्होंने भी आमंत्रित नहीं किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या उनका नाम जानबूझकर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में पार्टी लाईन से हटकर उनकी बेबाक टिप्पणियों के कारण शामिल नहीं किया गया इस पर शत्रुघ्न ने कहा कि ऐसा संभव है। इस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री के साथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार , उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान और केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद मंच साझा करेंगे।
पटना विश्वविद्यालय के साईंस कॉलेज के छात्र रहे शत्रु ने कहा कि हाल में यहां के कुलपति बिहारी सिंह उनसे मिलने यशवंत सिन्हा के साथ आए थे और इस समारोह के सफल आयोजन के लिए मार्गदर्शन चाहा था। अपनी सांसद निधि से पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले शत्रुघ्न ने कहा कि वे आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री को इस विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी और धनराशि की कमी सहित अन्य समस्याओं से अवगत कराया जाएगा।
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति बिहारी सिंह ने शत्रुघ्न सहित कई अन्य को आमंत्रित नहीं किए जाने का कोई अर्थ निकाले जाने को सही न ठहराते हुए कहा कि आमंत्रण पत्र के छपने में विलंब होने के कारण उन्हें भेजा नहीं जा सका, पर वे हमारी अतिथि सूची में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह के अवसर पर एक बड़े कार्यकम का आयोजन आगामी 10 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है जिसमें सभी पूर्व छात्रों को आमंत्रित किया जाएगा।