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UPI Payment को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, गूगल, अमेज़न, एफबी को दिया नोटिस

locationनई दिल्लीPublished: Oct 15, 2020 04:59:33 pm

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, आरबीआई, गूगल, अमेज़न, फेसबुक, वाट्सऐप को नोटिस किया।
सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस।
यूपीआई पेमेंट ( UPI transactions ) के जरिये नागरिकों के डेटा को तीसरे पक्ष को ना देने की अपील की गई।

UPI Transactions: SC notice to Google, Amazon, FB anc Centre on plea

UPI Transactions: SC notice to Google, Amazon, FB anc Centre on plea

नई दिल्ली। यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI प्लेटफॉर्म ( UPI transactions ) के अंतर्गत जुटाए जाने वाले डेटा की सुरक्षा से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, गूगल, अमेज़न और फेसबुक/व्हाट्सएप को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह याचिका कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के सांसद बिनॉय विश्वम ने दाखिल की है।
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इस याचिका के अंतर्गत यूपीआई प्लेटफार्म्स द्वारा जुटाए जाने वाले डेटा की सुरक्षा की मांग करते हुए अपील की गई है कि इस डेटा को किसी तीसरे पक्ष को नहीं दिया जाना चाहिए। राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित में आरोप लगाया गया है कि गूगल, अमेज़न, फेसबुक और वाट्सएप भारत में ऑपरेटिंग पेमेंट सिस्टम का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही याचिका में यह आरोप भी लगाया गया है कि ये कॉरपोरेट द्वारा UPI प्लेटफार्म्स पर भारतीय नागरिकों के डेटा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस याचिका के जरिये सुप्रीम कोर्ट से गूगल, अमेज़न, फेसबुक और वाट्सएप द्वारा पेमेंट सर्विसेज के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के लिए दिशानिर्देश मांगे गए हैं। इसके पीछे डेटा के गलत इस्तेमाल से बचाने के लिए नियमों का पालन किए जाने के लिए कहा गया है। विश्वम ने पूछा कि UPI दिशानिर्देशों के कथित उल्लंघन के बावजूद RBI और NPCI इन कंपनियों को पेमेंट सर्विसेंज सेवाओं की अनुमति कैसे दे सकते हैं।
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याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि रिजर्व बैंक और एनपीसीआई को भारतीय नागरिकों के डेटा की रक्षा करना जरूरी है। जबकि इसके विपरीत विदेशी संस्थाओं को भारत में अपनी पेमेंट सर्विस संचालित करने की अनुमति देकर ये लोगों के हितों से समझौता कर रहे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने कहा, “हम नोटिस जारी करेंगे। यहां इस बात की आशंका है कि भुगतान का पूरा शासन शुरू होने से पहले पूरा नियामक ढांचा तैयार हो जाएगा।”
विश्वम की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दिवान ने कहा कि आरबीआई ने अप्रैल 2018 में एक आदेश जारी कर इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों से कहा था कि वे सुनिश्चित करें कि इन मंचों पर डेटा का लेन-देन भारत के भीतर एक सर्वर में सुरक्षित है। यह अक्टूबर 2018 तक अनुपालन किया जाना था। ऐसा नहीं किया गया था। उन्होंने कोर्ट को आगे सूचित किया कि व्हाट्सएप अपनी मूल कंपनी फेसबुक के डेटा को भारत के बाहर सर्वर के साथ संग्रहीत करता है।
https://youtu.be/cFs1FZQoxw4

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