scriptUS मीडिया में मोदी की तारीफ, कहाः अछूत देश बन जाएगा पाक | US Daily Says Pakistan Cannot Take Modi’s Restraint For Granted | Patrika News

US मीडिया में मोदी की तारीफ, कहाः अछूत देश बन जाएगा पाक

Published: Sep 28, 2016 11:57:00 am

Submitted by:

Abhishek Tiwari

यूएस के अखबार ने लिखा है कि अगर पाकिस्तान नरेंद्र
मोदी की मदद नहीं करता है तो वह एक अछूत(जो वह पहले से है) देश की तरह
अलग-थलग पड़ जाएगा

Modi And Sharif

Modi And Sharif

नई दिल्ली। उरी हमले के बाद जिस तरह पाकिस्तान की दुनिया भर में आलोचना हो रही है से उससे भी आतंकवाद के निर्यातक देश पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। अब अमरीकी मीडिया ने साफ-साफ कह दिया है कि पाकिस्तान भारत के सब्र का लंबे समय तक इम्तिहान नहीं ले सकता। यूएस के अग्रणी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा है कि अगर पाकिस्तान नरेंद्र मोदी की मदद नहीं करता है तो वह एक अछूत(जो वह पहले से है) देश की तरह अलग-थलग पड़ जाएगा।

अछूत देश बन जाएगा पाकिस्तान
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मंगलवार को लिखे एक लेख में प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की। साथ ही साथ पाकिस्तान को सख्त लहजे में चेताया हुए कहा कि मोदी फिलहाल पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए हैं और यह आगे भी जारी रहा तो पाकिस्तान के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। अगर मोदी के सहयोग के प्रस्ताव को खारिज किया जाता है तो दुनिया के लिए पहले से अछूत पाकिस्तान, अब और अछूत देश बन जाएगा।

आतंकवाद पर भारत का रूख हमेशा से उच्च मापदंडों पर खरा
लेख में कहा गया है कि अगर पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार से भारत में हथियार और आतंकवादी भेजना जारी रखा तो भारतीय प्रधानमंत्री का रुख बिल्कुल न्यायसंगत होगा। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कहा है कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का रुख हमेशा से उच्च नैतिक मापदंडों पर खरा रहा है पर पिछली कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें इसे स्पष्ट रूप से कभी सख्ती से लागू नहीं कर पाईं।

मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन सकता है भारत
सैन्य कार्रवाई न करने के प्रधानमंत्री मोदी के फैसले की तारीफ करते हुए अखबार ने लिखा कि मोदी ने सैन्य कार्रवाई के खतरों को समझते हुए, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने का फैसला किया। वह 1960 का सिंधु जल समझौता रद्द करने पर विचार कर रह हैं। साथ ही वह पाकिस्तान को 1996 में दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्जे को भी छीन सकते हैं क्योंकि पाकिस्तान ने अभी तक भारत को यह दर्जा नहीं दिया है।

किसी बड़े सैन्य कार्रवाई की तैयार हो रही पृष्ठभूमि
स्टिमसन सेंटर के साउथ एशिया प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर समीर लालवानी ने भी फॉरेन अफेयर्स में आर्टिकल लिखा है। वो लिखते है कि उरी हमले के बाद भारत के लोगों का गुस्सा और नेताओं की रणनीति देखकर लग रहा है कि किसी बड़ी सैन्य कार्रवाई की पृष्ठभूमि तैयार हो रही है। इसको लेकर लंबी बहसें हो सकती हैं। आगे उन्होंने कहा कि भारत बदले की कार्रवाई के चलते एक बड़ा हमला कर सकता है लेकिन ये साफ नहीं है कि सरकार की राजनीतिक विश्वसनीयता, इमेज और हितों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? उन्होंने पहले के अनुभव के आधार पर बताया कि 2009 के इलेक्शन और हाल के एनालिसिस बताते है कि भारत के प्रधानमंत्रियों को बड़े हमलों के बाद मिलिट्री कार्रवाई को लेकर कोई बड़ी राजनीतिक कीमत नहीं चुकानी पड़ी।
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