जमानत पर रिहा बता दें कि उत्तरकाशी से आई प्राइमरी शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा ने हंगामा शुरू कर दिया। उसने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से अभद्रता की। इसके बाद सीएम के आदेश पर महिला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और थाने ले आई।
महिला के खिलाफ शांतिभंग (सीआरपीसी 151) में कार्रवाई की गई। पुलिस ने शिक्षिका को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
उत्तराखंड:शाह के दौरे के बाद भी मंत्रिमंडल के विस्तार और दायित्व आवंटन की कोई संभावना नहीं ये था पूरा मामला बताया जा रहा है कि महिला उत्तरकाशी के एक प्राइमरी स्कूल 20 वर्षों से टीचर है। महिला अपने ट्रांसफर की फरियाद लेकर जनता दरबार आई थी। महिला ने कहा कि वो विधवा है और उसके बच्चे देहरादून में रहते हैं, महिला कब से अपने ट्रांसफर की बात कह रही है। लेकिन उसकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी। इसी बात को लेकर महिला अचानक आग-बबूला हो गई, जिससे दरबार में अफरा-तफरी मच गई। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महिला को शांत रहने को भी कहा लेकिन महिला गुस्से में बोलती रही।
बात चल ही रही थी कि अचानक शिक्षिका ने आपा खो दिया और सीएम से बहस करने लगी। वह सीएम को अपशब्द बोलने लगी। शिक्षिका के इस रवैये से सीएम बेहद नाराज हो गए। इस पर सीएम ने महिला को नौकरी से सस्पेंड कर दिया। सीएम का कहना था कि किसी भी मामले को बताने का एक तरीका होता है। ऐसे दरबार में हंगामा करना ठीक नहीं है।
वीडियो में देखें जनता दरबार में महिला का हंगामा-