script

उत्तराखंड सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के 10 प्रतिशत आरक्षण को दी मंजूरी

locationनई दिल्लीPublished: Feb 07, 2019 08:04:18 am

Submitted by:

Anil Kumar

उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को आर्थिक रुप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है।

उत्तराखंड सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के 10 प्रतिशत आरक्षण को दी मंजूरी

उत्तराखंड सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के 10 प्रतिशत आरक्षण को दी मंजूरी

देहरादून। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बुधवार को आर्थिक रुप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है। सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से नौकरियों और शिक्षा में सामान्य वर्ग के आर्थिक तौर पर गरीब परिवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृत करती है। बता दें कि उत्तराखंड गरीब सवर्णों को आरक्षण देने वाले इस व्यवस्था को लागू करने वाला पांचवां राज्य बन गया है। इससे पहले गुजरात, झारखंड, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश सरकार 10 प्रतिशत आरक्षण कानून को मंजूरी दे चुकी हैं।

https://twitter.com/ANI/status/1093124577406926848?ref_src=twsrc%5Etfw

 

संविधान संशोधन करते हुए केंद्र सरकार ने लागू की है यह व्यवस्था

आपको बता दें कि मोदी सरकार ने शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन में संसद पर सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए एक बिल पेश किया। इसके बाद दोनों सदनों में इसे पास भी करा लिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण से संबंधित संविधान अधिनियम 2019 को मंजूरी दे दी। बता दें कि सरकार ने इसके लिए 124वां संविधान संशोधन करते हुए यह व्यवस्था लागू की है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद से अब देश में सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन कर सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण का प्रावधान करता है। नए नियम के मुताबिक 8 लाख रुपए तक की वार्षिक आमदनी वालों को आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा। बता दें कि जहां एक ओर एक के बाद एक भाजपा शासित राज्य केंद्र सरकार के फैसले को अमल में ला रहे हैं और इस नियम को लागू कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर गैर भाजपा शासित राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। हालांकि वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए संसद में एक-दो राजनीतिक दलों को छोड़कर किसी ने भी सरकार के इस फैसला का खुलकर विरोध करने की हिम्मत नहीं दिखाई।

 

Read the Latest India news hindi on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले India news पत्रिका डॉट कॉम पर.

ट्रेंडिंग वीडियो