मूसलाधार बारिश के कारण थराली गांव में पानी व मलबे से मोटर मार्ग बाधित हो गए। इस मार्ग पर 500 कांवड़ियों का एक जत्था फंस गया। कांवडि़ए गंगोत्री से जल भरकर लौट रहे थे। मूसलाधार बरसात के चलते रास्ते में पड़ने वाले एक गदेरे ने ऐसा विकराल रूप ले रखा था कि बड़ी सी बड़ी वस्तु तिनके की तरह बही जा रही थी। ऐसी स्थिति में एसडीआएफ के जवानों ने स्थिति को संभालते हुए वहां रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और देखते ही देखते सभी 500० कांवडियों को सुरक्षित निकाल लिया।
शिक्षा सुधार के लिए SPARC प्लानः विदेशों के साथ रिसर्च पर 418 करोड़ खर्च करेगी मोदी सरकार इस बीच बच्चे उत्तरकाशी के डूंडा इलाके में एक लड़के के बहने की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की दूसरी टीम मौके पर पहुंच गई। रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत समय न गंवाते हुए बच्चें को ढूंढने लगे। जिस जगह बच्चे के बहने की बात बताई जा रही थी, वहां पानी के बहने की आवाज ही किसी के दिल में दहशत पैदा कर देने के लिए काफी थी। बावजूद इसके एसडीआरएफ के ये जवान अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना मोर्चा संभाले लिया और कुछ देर में बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया। चाहे हरिद्वार में कांवडियों को डूबते हुए गंगा नदी से निकालना हो या फिर दून में सोंग नदी की बाढ़ से लोगों को सुरक्षित निकालना जवान दिन रात तैनात हैं लोगों कि सुरक्षा में।