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… तो उत्तराखंड में बनेगा देश का पहला पेपरलैस शिक्षा विभाग!

शिक्षा मंत्री ने ईमेल और सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश भेजने को कहा ।

Jan 03, 2018 / 09:56 pm

Navyavesh Navrahi

नई दिल्ली। डिजिटलाइजेशन के दौर में दुनिया के कई देशों के दफ्तर पेपरलेस कार्यों को बढ़ावा दे रहे हैं। भारत भी डिजिटलाइजेशन के दौर से गुजर रहा है। एक खबर के अनुसार- उततराखंड का शिक्षा विभाग जल्द ही पेपरलेस हो सकता है। उत्तराखंड के शिक्षामत्री अरविंद पाण्डेय ने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही है।
तो देश का पहला पेपरलेस शिक्षा विभाग होगा…

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रत्येक विभाग का डिजिटलाइजेशन करने लक्ष्य रखा है। उसी के तहत शिक्षा विभाग को पेपरलेस किया जाना है। इसके लिए कवायदें तेज कर दी गई हैं। यदि ऐसा होता है, तो उत्तराखंड का शिक्षा विभाग देश का पहला पेपरलेस शिक्षा विभाग होगा।
संदेश भेजने में होगा सोशल मीडिया का उपयोग

उन्होंने कहा कि आज के समय में सोशल मीडिया बेहद उपयोगी हुआ है। इसलिए कोशिश होगी कि सभी तरह की पत्रावलियां भेजने और मंगाने में ईमेल का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। साथ ही आदेशों, निर्देशें तथा संदेशों के अदान-प्रदान के लिए सोशल मीडिया के जरिए किया जाए।
अभी वैध नहीं माना जाता ईमेल

बता दें, फिलहाल सरकार के कई विभागाें में ईमेल से भेजे गए संदेश को वैध नहीं माना जाता है। देश के अन्य कई राज्यों में भी शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों में संदेश और पत्र भेजने में न तो ईमेल का इस्तेमाल किया जाता है और न ही सोशल मीडिया का। इस पर अभी कई तरह के सवाल किए जाते हैं।
शिक्षा कोष में 51 हजार दिए

शिक्षा मंत्री के अनुसार- स्कूलों में फर्नीचर तथा कंप्यूटर की उपलब्धता समेत आकस्मिक खर्चों की पूर्ति के लिए शुरू किए गए शिक्षा कोष को सराहना मिल रही है। उन्होंने स्वयं भी इस कोष में 51 हजार रुपए की राशि दी है। एक खबर के अनुसार- अन्य विभागीय अधिकारियों ने भी इसमें धनराशि दी है। कुछ शिक्षकों ने स्वेच्छा से इसमें सहयोग देने की बात कही है।

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