scriptदो अलग-अलग वैक्सीन का टीका लगाना संभव, पर गहन शोध की जरूरत: नीति आयोग | Vaccination of two different vaccines is possible, but in-depth research is needed: NITI Aayog | Patrika News

दो अलग-अलग वैक्सीन का टीका लगाना संभव, पर गहन शोध की जरूरत: नीति आयोग

locationनई दिल्लीPublished: May 22, 2021 10:10:38 pm

Submitted by:

Anil Kumar

Covid-19 Vaccine: नीति आयोग ने कहा है कि दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराक दो बार लगवाना “सैद्धांतिक रूप से संभव है”, लेकिन इस मामले में अधिक गहन शोध की आवश्यकता है।

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Vaccination of two different vaccines is possible, but in-depth research is needed: NITI Aayog

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देश में तेजी के साथ कोरोना टीकाकरण ( Covid Vaccination ) अभियान को आगे बढ़ाने को लेकर कोशिशें की जा रही है। हालांकि, मांग के अनुरुप वैक्सीन का उत्पादन नहीं होने की वजह से कई राज्यों तो पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की खुराक नहीं मिल पा रही है, लिहाजा टीकाकरण अभियान को कई जगहों पर कुछ समय के लिए रोक दिया गया है।

इन सबके बीच कोरोना टीका लगाने को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। नीति आयोग ने शनिवार को कहा है कि दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराक दो बार लगवाना “सैद्धांतिक रूप से संभव है”, लेकिन इस मामले में अधिक गहन शोध की आवश्यकता है। नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि दो अलग-अलग कंपनी के वैक्सीन की खुराक दो बार में ली जा सकती है, लेकिन इसपर अभी भी गहन शोध की जरूरत है।

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संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. पॉल ने कहा, “आपने मुझसे पूछा कि क्या कोई व्यक्ति पहली खुराक में प्राप्त वैक्सीन से अलग टीका लगा सकता है। वैज्ञानिक और सैद्धांतिक रूप से संभव है। लेकिन इसकी सिफारिश करना अभी एक उभरती हुई स्थिति है। अभी कोई पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। अब आगे केवल समय ही बताएगा।”

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एस्ट्राजेनेका-फाइजर की मिश्रित वैक्सीन कारगर
मालूम हो कि स्पेनिश विश्वविद्यालय ने दो अलग-अलग वैक्सीन को मिलाकर कोरोना के खिलाफ उसकी प्रभाव को लेकर शोध किया। विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, एस्ट्राजेनेका और फाइजर वैक्सीन का संयोजन बीमारी के प्रसार और रोकथाम को नियंत्रित करने में पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी था।

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स्पेन में कार्लोस III हेल्थ इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि एस्ट्राजेनेका की पहली खुराक के बाद फाइजर की दूसरी खुराक बिल्कुल सुरक्षित और प्रभावी थी। विश्वविद्यालय ने एक नैदानिक परीक्षण के परिणाम के साथ अपने निष्कर्षों का समर्थन किया है जिसमें 60 वर्ष से कम आयु के 673 प्रतिभागियों ने भाग लिया था।

आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से अब तक COVID-19 टीकों की 19,33,72,819 खुराक दी जा चुकी हैं।

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