गोपालपट्टनम के पास एलजी पॉलिमर्स यूनिट में गुरुवार तड़के हुआ गैस रिसाव।
पुलिस, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ कर्मियों ने दिखाई तेजी।
गंभीर बीमार अस्पताल में जबकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया।
LG Polymers India Vizag Gas Leak impact area
विशाखापट्टनम। आंध्र प्रदेश के विजाग में गुरुवार तड़के एलडी पॉलिमर्स इंडिया केमिकल यूनिट में गैस रिसाव के बाद एक बुजुर्ग- एक नाबालिग समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग बेहोश हो गए। गैस रिसाव का यह हादसा इतना बड़ा था कि इसने कुछ ही देर में आसपास के पांच गांवों को अपनी चपेट में ले लिया और 3 किलोमीटर के दायरे में लोगों का दम घोटने वाला माहौल पैदा कर दिया। हादसे के बाद 7500 से ज्यादा लोगों को उनके घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं।
विशाखापट्टनम गैस लीक कांड का खौफनाक वीडियो आया सामने, देखकर जानें कितनी खतरनाक थी यह गैस जानकारी के मुताबिक गोपालपट्टनम के पास आरआर वेंकटपुरम की इस एलजी पॉलिमर्स यूनिट में गुरुवार तड़के करीब 3.00 बजे गैस रिसाव के कारण एक 8 साल की बच्ची की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति की कुएं में कूदने के चलते जान चली गई। एक अन्य व्यक्ति अपने घर की बालकनी से गिर गया। वहीं आस-पास के पांच गांव गैस रिसाव के चलते प्रभावित हुए हैं। तीन किलोमीटर के दायरे में इंसान जबकि 10 किलोमीटर के दायरे में पशु-पक्षियों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है।
अधिकारियों ने कहा, “रिसाव को बंद कर दिया गया है। यह गैस तेजी से फैलती है और इसलिए अब मरने वालों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना नहीं है। हालात अब नियंत्रण में हैं।”
स्टाइरीन गैस बनी हादसे का कारण ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम के अधिकारियों ने कहा, “कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण बंद हुई रासायनिक इकाई को गुरुवार सुबह फिर से शुरू किया गया। कुछ समय बाद टैंकों में संग्रहीत गैस लीक होने लगी और 3 किलोमीटर के दायरे में फैल गई। स्टाइरीन और पेंटाइन गैसें संभवत: दुर्घटना का कारण बनीं।”
कोरोना के खतरे के बीच एलजी पॉलिमर्स प्लांट में गैस रिसाव से 8 की मौत और 5000 से ज्यादा बीमारबेहोश लोग-मृत मवेशी नजर आए सुबह कई स्थानों पर जहां एक ओर लोग बेहोश पड़े दिखे, वहीं सड़क किनारे मृत मवेशी भी नजर आए। बच्चों को कंधे पर रखकर घबराए लोग अस्पतालों की ओर भागे। एंबुलेंस ने इलाके से बेसुध हुए 70 लोगों को किंग जॉर्ज अस्पताल पहुंचाया। भर्ती हुए मरीजों में बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं।
क्या कहते हैं लोग प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा, “घटना सुबह करीब 2.30 बजे हुई। आसपास के क्षेत्रों में लोग अपने घरों में सो रहे थे। तभी अचानक उन्हें सांस लेने में तकलीफ, भयानक खुजली और आंखों में जलन महसूस होनी शुरू हुई।” दहशत में आकर लोग अपने घरों से बाहर भागे, लेकिन गैस रिसाव के कारण हवा जहरीली हो गई, जिससे वह बेसुध हो गए। इस दौरान कई मवेशी और पशु भी जहरीली गैस की चपेट में आ गए।
एक अधिकारी ने कहा, “संयंत्र के लोगों ने तुरंत अधिकारियों को सतर्क करते हुए इस बाबत जानकारी दी, जिसके तुरंत बाद जिला प्रशासन कार्रवाई में जुट गया और त्रासदी का प्रभाव कुछ हद तक कम किया जा सका।”
7500 लोगों को घरों से ले जाया गया केमिकल यूनिट के आसपास के 3 किलोमीटर के दायरे में इलाके के लोगों को वहां से हटाया गया है। 7 हजार 500 के करीब जिन लोगों को अपना घर खाली करना पड़ा है, उनके लिए भोजन सहित अन्य सभी व्यवस्था की गई है।
पीएम, सीएम रख रहे हैं नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस बारे में सभी जानकारियां ले रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हालात को भांपने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। राज्य के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। जिला प्रशासन को तत्काल कदम उठाने और सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री विजाग में स्थिति का जायजा लेने जाएंगे। यहां वह अस्पताल का दौरा कर प्रभावितों का हालचाल पूछेंगे।
1961 में बनी थी यूनिट विजाग में एलजी पॉलिमर्स इंडिया को वर्ष 1961 में पॉलीस्टाइरीन और इसके सह-पॉलिमर के निर्माण के लिए हिंदुस्तान पॉलिमर्स के रूप में स्थापित किया गया था। वर्ष 1978 में इसका विलय यूबी ग्रुप की मैकडॉवल्स एंड कंपनी लिमिटेड के साथ कर दिया गया।
भोपाल त्रासदी की याद ताजा इस दुर्घटना ने साल 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी है। विशाखापट्टनम की गलियों और अस्पतालों में लोग दहशत में नजर आए। सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत के बाद लोगों को विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।