मंगलवार को शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से लिखी गई इस चिट्ठी में ऐसी 9 जगहों का जिक्र किया है, जहां पर पुराने समय में मुस्लिम शासकों ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया था। शिया वक्फ बोर्ड ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से कहा है कि ऐसी सभी जमीनों को हिंदूओं को वापस कर दिया जाए।
वसीम रिजवी ने अपनी चिट्ठी में अयोध्या में राम मंदिर की जगह बनी बाबरी मस्जिद, मथुरा के केशव देव मंदिर की जगह बनी मस्जिद, जौनपुर की अटाला मस्जिद, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, जामी मस्जिद गुजरात, मध्य प्रदेश की वीजामंडल मस्जिद और कुतुब मीनार समेत पूरे 9 स्थलों का जिक्र किया है।
वसीम रिजवी ने पत्र में कहा है कि इतिहास गवाह है कि मुगलों और उनके पहले के सुल्तानों ने हिंदुस्तान को लूटा है, यहां हुकूमत की और तमाम मंदिरों को तोड़ा और कुछ पर मस्जिदें बना डालीं। वसीम रिजवी ने चिट्ठी में लिखा है कि मुगलों और उनके सुल्तानों ने जो क्रूरता हिंदुस्तान में दिखाई वो पूरी तरह से इस्लाम के उद्देश्यों के खिलाफ है। शरीयत के मुताबिक, किसी भी इबादतगाह को जबरन तोड़कर मस्जिद बनाया जाना जायज नहीं है। इस तरह की मस्जिदों में अल्लाह की इबादत जायज नहीं है।
वसीम के मुताबिक, राम मंदिर को तुड़वाकर बाबरी मस्जिद बनाई गई, केशव देव मंदिर को औरंगजेब ने तुड़वाकर मस्जिद बनवाई थी, फिरोज शाह तुगलक ने अटाला देव मंदिर तुड़वाकर अटाला मस्जिद बनवाई थी, काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई गई थी, गुजरात के भटना में रुद्रा महालया मंदिर को तुड़वाकर अलाउद्दीन खिलजी ने जामी मस्जिद बनवाई थी, गुजरात के अहमदाबाद में भद्रकाली मस्जिद को तुड़वाकर अहमदशाह ने जामा मस्जिद बनवाई, पश्चिम बंगाल के पंडुवा में हिंदू व बुद्ध मंदिरों को तुड़वाकर अदीना मस्जिद बनवाई, औरगंजेब ने मध्य प्रदेश के विदिशा में विजयामंदिर को तोड़कर वीजामंडल मस्जिद बनवाई और मस्जिद कुवतुल इस्लाम व कुतुब मीनार जैन मंदिरों को तोड़कर कुतुबउद्दीन ऐबक ने बनवाया था। वसीम रिजवी ने कहा है कि मैंने इस पत्र में मस्जिदों और मंदिरों से संबंधित विवरण भी पेश किए हैं।