नई दिल्ली।
JNU के बाद अब
Delhi Water Crisis सबसे बड़ी समस्या के तौर पर सामने आ सकती है। इस समस्या की जड़
हरियाणा का
जाट आंदोलन है। जाट आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने मुनक नहर पर कब्जा कर लिया है। बता दें कि दिल्ली को करीब
60 फीसदी पानी की सप्लाई मुनक नहर से ही होती है। यह समस्या कितनी व्यापक होने जा रही है इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आज से
सीएम हाउस, राष्ट्रपति भवन, पीएमओ से लेकर
चीफ जस्टिस तक के घर में पानी की कटौती शुरू हो गई है। दिल्ली के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल बंद कर दिए हैं। साथ ही सभी दिल्ली वासियों को पानी बचाए जाने का ऐलान कर दिया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि यह Water Crisis उनकी पार्टी के लिए भी बड़ी समस्या बन सकता है। दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा है कि यदि आंदोलन खत्म हो जाता है तो भी गेट की मरम्मत में कम से कम दो-तीन दिन लग ही जाएंगे। कपिल मिश्रा ने Tweet किया है कि दिल्ली सरकार जल संकट पर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है। याचिका स्वीकार हो गयी है। रविवार को सुबह सुनवाई होने की संभावना है। वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने Tweet कर कहा कि दिल्ली में पानी की जबरदस्त किल्लत, जल्द ही पानी के बंटवारे को सीमित करना पड़ेगा, वीआईपी और जनता के बीच समान वितरण होगा।
दिल्ली में पानी की सप्लाई के लिए बेहद अहम है मुनक-
मुनक नहर का निर्माण नई दिल्ली में पानी की कमी को पूरा करने के लिए हुआ था। गौरतलब है कि दिल्ली के 9 में से 7 ट्रीटमेंट प्लांट को पानी की सप्लाई मुनक नहर से ही होती है। दिल्ली हर रोज करीब 900 एमजीडी पानी खर्च करती है जिसका 60 फीसदी हिस्सा मुनक नहर से आता है। इस वक्त दिल्ली में सिर्फ 300 एमजीडी पानी उपलब्ध है।
राजनाथ सिंह से हो रही है बात-
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के मुताबिक उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात की है और उन्होंने मुनक नहर पर जल्द सेना भेजने का भरोसा दिलाया है ताकि बिना रुकावट के दिल्ली को पानी मिलता रहे। अगर मुनक नहर से पानी नहीं छोड़ा जाता है तो दिल्ली में करीब 430 एमजीडी पानी की कमी हो जाएगी। दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी पहले ही खत्म हो चुका है। दिल्ली में पानी के लिए अलर्ट जारी कर दिया है।