सतलुज-यमुना लिंक नहर: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को फटकारा, पहले नहर का निर्माण करें जानकारी है कि सरकार ने हरिके हैड के गेटों की मरम्मत कर ली है। हरिके हैड के जरिए ही ब्यास और सतलज का हजारों क्यूसिक पानी रिसकर पाकिस्तान जाता था। जिससे वहां के किसानों और मछुआरों के साथ वहां की जनता को भी काफी फायदा मिलता था। बता दें कि अब हरिके हैड से पानी हुसैनीवाला हैड में छोड़ा जाएगा और गेटों के जरिए उतना ही पानी पाकिस्तान की तरफ जाएगा जितना किसानों और मछुआरों के लिए पर्याप्त होगा।
मामले पर सिंचाई विभाग के एसडीओ मुकेश गोयल ने बताया कि हरिके हैड के गेटों की मरम्मत की जी चुकी है। जिससे अब हरिके हैड पर ही सारा पानी रोक लिया जाएगा। साथ ही गोयल ने बताया कि हरिके हैड से दो नहरें निकलती हैं जो राजस्थान व फिरोजपुर फीडर नहर हैं। उनमें भी उतना ही पानी छोड़ा जा रहा है जितने की जरूरत है।
सतलुज यमुना लिंक नहर पर यथास्थिति का आदेश गोयल ने आगे बताया कि हुसैनीवाला बार्डर पर भी कई गांव ऐसे हैं जिन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है और वो सतलज के पानी पर ही निर्भर हैं।
गौरतलब है कि पाक अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है, ऐसे में सतलज, ब्यास के पानी को लेकर लिया गया ये फैसला अहम होगा। इससे जुड़े अभी तक के सभी आंकड़े यही बताते हैं कि भारत के हिस्से में केवल 20 प्रतिशत पानी ही आता है क्योंकि भारत अपनी छह नदियों सिंधु, रावी, ब्यास, चिनाब, झेलम और सतलुज का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को देता आ रहा है। जिससे कि पाकिस्तान का 2.6 करोड़ एकड़ कृषि भाग सिंचित होता है। लेकिन अब भारत भी इस मामले में सख्त हो गया है।
वहीं अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सतलज, व्यास और रावी का पाकिस्तान जा रहा पानी रोककर हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली को दिया जाएगा।