मौसम के मिजाज में आए बदलाव का असर उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। यहां सामान्य से 10 गुना ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। वहीं हिमालय के ऊपरी हिस्से में भारी बर्फबारी ने मौसम को सर्द बना दिया है। मौसम विशेषज्ञ इसके लिए गुजरात के ऊपर बने पश्चिमी विक्षोभ के गहरे दबाव और ओडिशा के तट पर चक्रवात डाई के कारण बने भारी दबाव को संयुक्त रूप से जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
उत्तर-पश्चिमी भारत में मौमस के मिजाज की बात करें तो यहां मानसून की मेहरबानी जरूरत से ज्यादा देखने को मिली है। शुक्रवार से सोमवार तक ही इस बार इस अवधि की सामान्य बारिश से 454 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। इस अवधि की सबसे ज्यादा बारिश पंजाब में हुई जो सामान्य से 1,193 फीसदी ज्यादा है। जबकि पश्चिमी राजस्थान के लिए सबसे कम बारिश हुई, जो सामान्य से 317 फीसदी अधिक रही।
केरल के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने इडुक्की और वायनाड जिलों मे भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पथानामथिट्टा, इडुक्की और वायनाड जिलों में 25 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। केरल में 29 मई को आई पहली बाढ़ के बाद से लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित अलप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिशूर में लोगों की जिंदगी पूरी तरह पटरी पर लौटी नहीं है। बाढ़ उतरने के बाद महामारी फैलने का खतरा है. हजारों घर, 40 हजार एकड़ से अधिक खेती की जमीन बर्बाद हो चुकी है। करीब 16000 किमी. सड़क, 134 पुल बाढ़ के कारण तबाह हो चुके हैं।
हिमाचल में चक्रवात तूफान डाय के बाद आए मौसम के बदलावन ने मौसम को सर्द बना दिया है। पिछले तीन दिन से यहां बर्फबारी हो रही है, जिससे पर्यटन उद्योग को काफी उम्मीद जगी है। बर्फबारी के चलते पर्टयकों ने भी हिमाचल का रुख करना शुरू कर दिया है।
मौसम विभाग की ओर से अगले दो दिन के लिए देश के उत्तरी इलाकों के लिए खास तौर पर अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब में भारी होने की संभावना है। उधर…जम्मू-कश्मीर और पहाड़ी इलाकों में रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। इसके अलावा बेंगलूरु, प. बंगाल, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय जैसे राज्यों में भी जमकर बारिश की संभावना जताई गई है।