यही नहीं मौसम विभाग के मुताबिक मैदानी इलाकों में चक्रवाती तूफान का खतरा भी मंडरा रहा है। विभाग के मुताबिक सबसे ज्यादा रफ्तार की सर्द हवाएं आने वाले दिनों में चलने वाली हैं। माना जा रहा है कि ये सर्द हवाएं लोगों की परेशानी बढ़ाएगी।
हैदराबाद गैंगरेप मामले में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पकड़े गए चार आरोपियों में एक ने पहले दिया था… जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ
मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट के मुताबिक पहाड़ी इलाकों में भी मौसम का बदला और भयंकर रूप देखने को मिलेगा। जम्मू-कश्मीर पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ दिखाई दे रहा है। जो ये बताता है कि आने वाले एक हफ्ते में यहां जमकर बर्फबारी होगी।
मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट के मुताबिक पहाड़ी इलाकों में भी मौसम का बदला और भयंकर रूप देखने को मिलेगा। जम्मू-कश्मीर पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ दिखाई दे रहा है। जो ये बताता है कि आने वाले एक हफ्ते में यहां जमकर बर्फबारी होगी।
जाहिर बर्फबारी के साथ ही मैदानी इलाकों में जमकर ठंड बढ़ेगी। ठंड बढ़ने के साथ-साथ उत्तर भारत के कई इलाकों में तेज रफ्तार हवाएं भी चलेंगी। यहां चक्रवाती तूफान का खतरा
मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी पंजाब और आसपास के क्षेत्रों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस क्षेत्र के चलते आने वाले दिनों में तेज रफ्तार हवाएं लोगों की परेशानी बढ़ाएंगी। साथ ही तेजी पारा भी लुढ़केगा।
मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी पंजाब और आसपास के क्षेत्रों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस क्षेत्र के चलते आने वाले दिनों में तेज रफ्तार हवाएं लोगों की परेशानी बढ़ाएंगी। साथ ही तेजी पारा भी लुढ़केगा।
बारिश के आसार
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो एक ट्रफ रेखा पूर्वी मध्य अरब सागर से होते हुए गुजरात से सटे क्षेत्र दक्षिण राजस्थान तक बनी हुई है। जबकि एक अन्य ट्रफ रेखा दक्षिणी आंध्र प्रदेश तट से भूमध्य रेखा तक बनी हुई है।
अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी भागों और लक्षद्वीप पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम आने वाले समय में और प्रभावी होगा तथा पश्चिमी-उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो एक ट्रफ रेखा पूर्वी मध्य अरब सागर से होते हुए गुजरात से सटे क्षेत्र दक्षिण राजस्थान तक बनी हुई है। जबकि एक अन्य ट्रफ रेखा दक्षिणी आंध्र प्रदेश तट से भूमध्य रेखा तक बनी हुई है।
अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी भागों और लक्षद्वीप पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम आने वाले समय में और प्रभावी होगा तथा पश्चिमी-उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा।
यानी इससे जुड़े राज्यों में अगले एक हफ्ते खास तौर पर 1 दिसंबर के मौसम जबरदस्त करवट लेगा। यहां के कई राज्यों में जोरदार बारिश होने के भी आसार हैं। इसके साथ ही ठंड में भी जबरदस्त इजाफा होगा।
उद्धव सरकार दूसरे दिन लगा सबसे बड़ा झटका, इस वरिष्ठ और दिग्गज नेता का अचानक हुआ निधन इन इलाकों पर पड़ेगा असर
देश के जिन इलाकों में 1 दिसंबर से मौसम करवट लेगा उनमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, यूपी, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, गुजरात और महाराष्ट्र प्रमुख रूप से शामिल है।
देश के जिन इलाकों में 1 दिसंबर से मौसम करवट लेगा उनमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, यूपी, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, गुजरात और महाराष्ट्र प्रमुख रूप से शामिल है।
आगे भी बारिश की संभावना
मौसम विज्ञानी की मानें तो बरसात केवल एक दिन दिन की नहीं है। अगले महीने भी कई बार बरसात के आसार हैं। इससे हवा सर्द रहेगी। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के हवा में असर से भी ठंड बढ़ेगी। इस समय मौसम का दोहरा चेहरा दिख रहा। न्यूनतम और अधिकतम तापमान में अंतर बढ़ा है।
मौसम विज्ञानी की मानें तो बरसात केवल एक दिन दिन की नहीं है। अगले महीने भी कई बार बरसात के आसार हैं। इससे हवा सर्द रहेगी। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के हवा में असर से भी ठंड बढ़ेगी। इस समय मौसम का दोहरा चेहरा दिख रहा। न्यूनतम और अधिकतम तापमान में अंतर बढ़ा है।