इस बार मानसून ( monsoon ) सीजन के दौरान देशभर में सात फीसदी से ज्यादा बारिश हुई।
18 सितंबर तक राजस्थान के पश्चिमी हिस्से से वापसी कर सकता है मानसून।
देश में केवल उत्तर-पश्चिम हिस्से को छोड़कर बाकी जगहों पर मानसून रहा मेहरबान।
Monsoon 2021
नई दिल्ली। यों तो देशभर में इस वर्ष मानसून ( monsoon ) सक्रिय रहा है और मौजूदा सीजन में अबतक औसत से 7 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। लेकिन अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक अगले सप्ताह मानसून की वापसी की संभावना है।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने सोमवार को एक प्रेसवार्ता में बताया कि विभाग द्वारा साप्ताहिक मौसम अपटेड में इस बात की ओर इशारा दिया गया है कि 18 सितंबर को समाप्त हो रहे सप्ताह में राजस्थान के पश्चिमी हिस्से से मानसून की वापसी की संभावना है।
इस दौरान पृथ्वी विज्ञान विभाग के सचिव डॉ. एम. राजीवन ने बताया कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून का प्रसार बेहतर रहा है और खूब बारिश हुई है, जिससे अच्छी पैदावार होगी और किसानों को मदद मिलेगी। इसका फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को भी होगा। हालांकि इससे कितना फायदा होगा, फिलहाल इसका आकलन नहीं लगाया जा सकता।
वहीं, आईएमडी प्रमुख ने बताया, “भारतीय मौसम विभाग ने द्वारा साप्ताहिक मौसम अपटेड में इस बात का जिक्र किया गया है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में मानसून की वापसी राजस्थान के पश्चिमी हिस्से से शुरू हो सकती है। वहीं, इस दौरान बंगाल की खाड़ी, पश्चिम-मध्य भाग में कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की भी संभावना है।”
पूरी तरह से होगी वापसी? क्या मानसून की वापसी पूरी तरह से होगी, के सवाल पर डॉ. महापात्र ने कहा कि इसका अध्ययन किया जा रहा है कि कब मानूसन की पूरी तरह वापसी होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल के तटीय इलाके में 17 सितंबर के आसपास और उसके बाद औसत या औसत से ज्यादा बरसात होगी। उन्होंने आगे कहा कि सितंबर में अगस्त के मुकाबले बरसात में कमी देखने को मिली है और यह औसत से कम रही है। हालांकि मौसमी दशाएं अनुकूल होने के चलते अगले कुछ दिनों में बरसात की वापसी होगी।
देश में बारिश का आंकड़ा मौसम विभाग के मुताबिक मौजूदा मानसून सीजन में बीते 1 जून से लेकर देशभर में अब तक 807.7 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। यह 751.5 मिलीमीटर औसत बारिश से सात प्रतिशत ज्यादा है। विभाग के मुताबिक दक्षिण प्रायद्वीय भारत में इस बार औसत से 20 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। जबकि मध्य भारत में औसत से 17 फीसदी ज्यादा और उत्तर-पश्चिम भारत में औसत से 10 फीसदी कम बरसात दर्ज की गई है। वहीं, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में इस बार करीब औसत बारिश हुई है।