मिली जानकारी के मुताबिक ये घटना बर्दवान जिले के म्युनिसिपल गर्ल्स हाईस्कूल की है। यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए जिस रेफरेंस बुक का इस्तेमाल किया गया था, उस किताब में काले रंग की त्वचा वाले व्यक्ति की तस्वीर के साथ बदसूरत शब्द का उपयोग किया गया था।
इस मामले की जानकारी लगते ही हंगामा मच गया है। हालांकि इस मामले में अब खुद बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने संज्ञान लिया है। शिक्ष मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शुरुआती कार्रवाई के तहत स्कूल के ही दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। स्कूल के जिन दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है उनके नाम श्रावणी मंडल और बरनाली दास हैं।
शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने शुक्रवार को को इस बात की जानकारी दी कि, निलंबन अनुशासनात्मक कार्रवाई का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हमने दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है कि वे नगर निगम के स्कूल में उस रेफरेंस बुक का उपयोग क्यों कर रही थीं और छात्रों के बीच नस्लीय रूढ़िवादिता को प्रोत्साहित क्यों किया जा रहा था।
राज्य सरकार की पाठ्यपुस्तक नहीं
इतना ही नहीं शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिस किताब में काले रंग के व्यक्ति को ‘बदसूरत’ बताया गया है, वह राज्य सरकार की ओर से प्रकाशित पाठ्यपुस्तक नहीं थी।
मंत्री चटर्जी ने कहा कि यह एक दुभार्वनापूर्ण प्रयास है। इन अधिकारियों ने ये पुस्तक कहीं बाहर से ली और इसे संदर्भ के तौर पर इस्तेमाल कर लिया। जो बहुत गलत है। मंत्री ने कहा कि हम इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे।
अभिभावकों में भी नाराजगी
इस मामले की जानकारी मिलने के बाद बर्दवान के म्युनिसिपल गर्ल्स स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों के अभिभावकों में खासी नाराजगी है। उन्होंने स्कूलों में इस तरह कि भेदभाव पूर्ण शिक्षा को लेकर विरोध जताया है।