कोलकाता

इस राज्य में बह रही है उलटी गंगा

जानें क्या हैं इस राज्य के हालात

कोलकाताApr 13, 2019 / 06:20 pm

Rabindra Rai

इस राज्य में बह रही है उलटी गंगा

कोलकाता. पहले चरण के लोकसभा चुनाव के बाद अब दूसरे चरण की तैयारी तेज हो गई है। राज्य के जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और रायगंज लोकसभा क्षेत्र में १८ अप्रेल को वोट डाले जाएंगे। सत्ता पक्ष और विपक्ष के दिग्गज नेता रोज एक दूसरे पर शब्दों के बाण चला रहे हैं। कोई कुछ मुद्दा उठा रहा है तो कुछ अपने हिसाब से मुद्दे को हवा दे रहा है। प्रत्याशियों को बाहरी बनाम भूमिपुत्र करार दिया जा रहा है। दार्जिलिंग में तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने भाजपा समेत सभी पार्टियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने दार्जिलिंग में भाजपा प्रत्याशी को मणिपुरी करार दिया है तो गोरखाओं की पहचान सुनिश्चित करने का भरोसा दिया है। जहां देश में लोकसभा चुनाव बेरोजगारी, महंगाई, कालाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य मुद्दों पर लड़ा जा रहा है, तो पश्चिम बंगाल में उलटी गंगा बह रही है। यहां चुनाव का मुख्य मुद्दा आमजनों से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं नहीं, बल्कि बांग्लादेशी घुसपैठ, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) और नागरिकता (संशोधन) विधेयक है।
राज्य की 42 सीटों पर कब्जा करने के लिए तृणमूल जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रही है। ममता बनर्जी का मुख्य चुनावी मुद्दा एनआरसी बन गया है। इसी तरह से राज्य में 23 लोकसभा सीटों पर कब्जा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कह रहे हैं कि बंगाल में हरहाल में एनआरसी लागू करेंगे जबकि ममता बनर्जी बार-बार कह रही हैं कि एनआरसी किसी भी सूरत में लागू करने नहीं देंगे।
हाल ही में शाह ने घुसपैठ के मुद्दे को उठाया, यहां तक कि बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को दीमक करार दिया। उन्होंने कहा कि एनआरसी को लाकर घुसपैठियों को भगाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में एनआरसी, लोकतंत्र की बहाली और भ्रष्टाचार ने लोगों को इस बार सबसे अधिक प्रभावित किया है। भाजपा इन मुद्दों को लेकर आगे बढ़ेगी।
उधर, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी का कहना है कि हम इस संदेश के साथ जनता के बीच जा रहे हैं कि एनआरसी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक लोगों को कैसे प्रभावित करेगा। भाजपा इस पर उन्हें कैसे गुमराह करने की कोशिश कर रही है। हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और कोई भी शरणार्थी नहीं बनना चाहता है।
भाजपा ने चुनाव अभियान के दौरान बार-बार जोर देकर कहा कि घुसपैठ देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रहा है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इसी तरह से बंगाल सहित पूरे देश में रहने वाले हिंदू, सिख और बौद्ध शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए विधेयक को भी भाजपा में मुद्दा बनाया है।
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