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क्या राहुल की ताजपोशी के लिए Sonia Gandhi ने चुने हैं ये चेहरे? गांधी परिवार के करीबियों को मिला मौका

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सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी का नए सिरे से गठन कर दिया है।
इस विशेष सलाहकार समिति में गांधी परिवार के करीबी लोगों को मौका दिया गया है।

Sep 13, 2020 / 10:30 am

Mohit Saxena

सोनिया गांधी।

नई दिल्ली। कांग्रेस में इन दिनों बड़े फेरबदल हो रहे हैं। पार्टी के अंदर गुटबाजी तेज हो चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने विश्वासपात्रों को महत्वपूर्ण पदों पर देखना चाहती हैं। ऐसे में उन्होंने वर्किंग कमेटी का नए सिरे से गठन किया है। माना जा रहा है कि इस कदम से राहुल गांधी की ताजपोशी पक्की हो चुकी है।
सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे और लुइजिन्हो फैलेरियो को महासचिव पद से हटाने की घोषणा की है। दरअसल आजाद उन्हीें नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने चिट्ठी लिखकर नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी।
सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी का नए सिरे से गठन कर दिया है। इसमें राहुल गांधी के शुभचिंतकों को टीम में मौका दिया गया है। इसके जरिए छह सदस्य नए अध्यक्ष चुनने में मदद करेंगे। इस विशेष सलाहकार समिति में गांधी परिवार के करीबी लोगों को मौका दिया गया है। इस सूची में अहमद पटेल, एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी और रणदीप सिंह सुरजेवाला को जगह दी गई है।
अहमद पटेल : अहमद पटेल हमेशा से पार्टी में संकट मोचक की स्थिति में रहे हैं। पार्टी में कोई बड़ा फैसला लेने पहले सोनिया गांधी हमेशा से पटेल से सलाह जरूर लेतीं हैं। अहमद पटेल गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं। वे सोनिया के राजनीतिक सलाहकार भी रहे हैं। हर बड़े चुनाव में कांग्रेस की रणनीति को लेकर हमेशा इनकी राय को अहमियत दी जाती है।
एके एंटनी: एके एंटनी पार्टी के दिग्गज नेताओं में से एक रहे हैं। वे मनमोहन सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके हैं। उनकी पहचान गांधी परिवार के खास सहयोगियों में से एक है। एके एंटनी मनमोहन सरकार में रक्षामंत्री रहे हैं। उन्हें भी भरोसेमंद सहयोगी के रूप में जाता जाता है। 2014 लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा उन्होंने खुद की थी। वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी रहे हैं। 80 के दशक पार्टी नेताओ से नाराज होकर उन्होंने नई पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया था।
अंबिका सोनी: अंबिका सोनी महासचिव पद से हटा दी गई हैं। मगर उन्हें ये अहम जिम्मेदारी दी गई है। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ही अंबिका सोनी को कांग्रेस में लेकर आई थीं। अंबिका सोनी के पिता नकुल सेन वाधवा पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू के करीबी रहे थे।
केसी वेणुगोपाल : केसी वेणुगोपाल केरल से आते हैं। उन्हें गांधी परिवार के सबसे करीबी लोगों में से माना गया है। उन्होंने राजस्थान संकट का समाधान निकालने में अहम भूमिका निभाई थी। राहुल गांधी जब कांग्रेस अध्यक्ष थे तो उन्हें कर्नाटक के प्रभारी महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।
मुकल वासनिक

मुकल वासनिक गांधी परिवार की करीबी रहे हैं। बीते साल जब राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने की बात हुई, तब इनका नाम अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे अव्वल था। हालांकि, मुकल वासनिक का नाम भी उन 23 बड़े नेताओं था, जिसने नेतृत्व के मुद्दे पर पत्र लिखा था।
रणदीप सुरजेवाला :

रणदीप सुरजेवाला राहुल गांधी के सबसे ज्यादा करीबी माने जाते रहे हैं। यही कारण है कि हरियाणा के बीते विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद उनका कद कम नहीं हुआ। सुरजेवाला ने ओम प्रकाश चौटाला को उनके सीएम रहते हुए, विधानसभा चुनाव में दो बार मात दी। सुरजेवाला अहम मौकों पर पार्टी की बात रखते हुए नजर आते रहे हैं।

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