script400 साल बाद श्राप से मुक्त हुआ ये शाही खानदान, इस वजह से तंग आकर महारानी ने दी थी बद्दुआ | wodeyar royal family of mysore got thier own baby | Patrika News

400 साल बाद श्राप से मुक्त हुआ ये शाही खानदान, इस वजह से तंग आकर महारानी ने दी थी बद्दुआ

Published: Dec 08, 2017 06:01:26 pm

Submitted by:

राहुल

इस बुरे दौर का वक्त उस दिन समाप्त हो गया जब राजघराने के 27वें राजा एक बच्चे के पिता बन गए।

yaduveer
नई दिल्ली। मानो तो गंगा, न मानो तो बहता पानी। ये कहावत आपने सुनी ही होगी। ठीक ऐसे ही श्राप को न मानने वाले इसे सिर्फ मनमानी बातें कहते हैं तो वहीं इसे मानने वाले ऐसे भी हैं, जो इसे कई सदियों से मानते आ रहे हैं और अभी भी मान रहे हैं। उन्ही में से एक हैं मैसूर का वाडियार राजवंश। आपको जानकर हैरानी होगी कि मैसूर का वाडियार राजवंश पिछले 400 साल से एक श्राप को मानते आ रहे थे। लेकिन खुशी की बात ये है कि ये श्राप अब खत्म हो चुका है।
मैसूर के वाडियार राजवंश की मानें तो उनके खानदान को एक श्राप पिछले 400 साल से अपने कब्ज़े में लिया हुआ था। जिसकी वजह से उनके राजघराने में किलकारियां नहीं गूंज पा रही थी। लेकिन इस बुरे दौर का वक्त उस दिन समाप्त हो गया जब राजघराने के 27वें राजा एक बच्चे के पिता बन गए। मैसूर के वाडियार राजघराने के 27वें राजा यदुवीर हैं। इनकी शादी पिछले साल 27 जून को हुई थी। यदुवीर ने तृषिका के साथ शादी के बंधन में बंधे थे। तृषिका सिंह भी डूंगरपुर की राजकुमारी हैं। और अभी हाल ही में तृषिका यदुवीरके बच्चे की मां बन गई हैं।
कहा जाता है कि 400 साल से वंश बढ़ाने के लिए ये शाही खानदान परिवार के किसी अन्य सदस्य के बेटे को गोद लेते रहे हैं। स्वर्गीय श्रीकांतदत्त नरसिम्हराज वाडियार और रानी प्रमोदा देवी को भी संतान का सुख नहीं मिला था। जिसके बाद उन्होंने रानी प्रमोदा देवी की बहन के पुत्र को गोद लिया था। गोद लिए गए इस पुत्र का नाम ही यदुवीर है, जो अब जाकर पिता बन गए हैं। उस समय राजा श्रीकांतदत्त नरसिम्हराज वाडियार ने यदुवीर को ही वारिस घोषित कर दिया था।
श्राप की कहानी के पीछे कहा जाता है कि राजा वाडियार ने विजयनगर पर हमला कर संपत्ति को लूट लिया था। उस समय विजयनगर की महारानी अलमेलम्मा हुआ करती थीं। जो लूटपाट के बाद एकांतवास में चली गई थीं। बताया जाता है कि विजयनगर पर जीत प्राप्त करने के बाद राजा वाडियार ने महारानी अलमेलम्मा के पास अपने दूतों को बाकि के बचे सभी गहनों को लाने के लिए कहा था। लेकिन महारानी ने उन्हें गहने देने के लिए साफ इंकार कर दिया। लेकिन राजा वाडियार के सैनिकों ने महारानी के खज़ाने को लूट लिया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो