नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि नोटबंदी के कारण मजदूरों और कामगारों का मेहनतान सीधे उनके बैंक खाते में जमा हो रहा है जिससे उनका शोषण रुक गया है। मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में असंगठित क्षेत्र बहुत बड़ा है और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को अधिकतर मजदूरी का पैसा, काम का पैसा या पगार नकद में दिया जाता है। नकद भुगतान ही फिर श्रमिकों के शोषण की वजह भी बन जाती है। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि, जहां श्रमिक को पारिश्रमिक के रूप में 100 रुपए मिलने चाहिए, वहां उन्हें 80 रुपए दिए जाते हैं, जहां 80 रुपए मिलने चाहिए तो वहां 50 रुपए मिलते हैं। इसके साथ असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कार्यबल बीमा आदि कई सुविधाएं से वंचित हो जाता है। मोदी ने कहा कि नोटबंदी की वजह से लेकिन अब इन्हें नगद भुगतान नहीं किया जा रहा है। इनका मेहनताना सीधा बैंक में जमा हो रहा है जिससे असंगठित क्षेत्र एक तरह से संगठित क्षेत्र में तब्दील होता जा रहा है और शोषण बंद हो रहा है।पहले मेहनताना पाने के लिए घूस(कट) देनी पड़ती थी लेकिन यह भी अब बंद हो रहा है जिससे मजदूर तथा कारीगर को पूरे पैसे मिलना संभव हुआ है। साथ-साथ संगठित क्षेत्र के लोगों को जो अन्य लाभ मिलते हैं, उन लाभों के भी ये ह$कदार बन रहे हैं। मोदी ने कहा कि भारत में सर्वाधिक आबादी युवाओं की है जिससे प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल यहां अधिक आसान है। देश के नौजवानों ने स्टार्ट-अप से काफी प्रगति की है। ये डिजिटल अभियान एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा,Þहमारे नौजवानों को नए-नए आइडिया के साथ, नई-नई प्रौद्योगिकी के साथ, नई-नई पद्धति के साथ इस क्षेत्र को जितना बल दे सकते हैं देना चाहिए।