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कामकाजी पत्नी भी गुजारे भत्ते की हकदार: अदालत

Published: Jun 25, 2015 09:11:00 am

कोर्ट ने पति कि यह दलील ठुकरा दी कि पत्नी के पास कमाई के दूसरे जरिए हैं और वह हर साल एक लाख रूपये बचाती है

MLA Kamal Kishore Bhagat sent for 7 years imprison

MLA Kamal Kishore Bhagat sent for 7 years imprisonment

नई दिल्ली। दिल्ली की एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुजारा भत्ता मामले में फैसला देते हुए कहाकि, अपने पति से अलग रह रही एक कामकाजी पत्नी को भी गुजारा भत्ता पाने का हक है, भले ही उन दोनों की कमाई में अंतर हो। इसके साथ ही अदालत ने भूख और गरीबी झेल रही महिला के ही अंतरिम गुजारा भत्ता पाने का हकदार होने की पति की दलील खारिज कर दी। कोर्ट ने पति कि यह दलील ठुकरा दी कि पत्नी के पास कमाई के दूसरे जरिए हैं और वह हर साल एक लाख रूपये बचाती है।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मोनिका सरोहा ने कहाकि एक महिला को सिर्फ गरीबी और दूसरों पर आश्रित होने से बचाने के लिए ही गुजारा भत्ता नहीं दिया जाता है। इसलिए भी दिया जाता है कि वह उस लिविंग स्टैंडर्ड से दूर न हो जाए जो शादी के बाद पति से मिला था। एक महिला को गुजारे भत्ते में कम से कम इतनी रकम तो देनी ही चाहिए कि वह अपनी लाइफस्टाइल के हिसाब से आराम से रह सके।

इस मामले में पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसका पति शादी के बाद से गलत भाषा और इमोशनल अत्याचार करता है। इस पर अदालत ने माना कि महिला के साथ उसके पति के घर में क्रूरता हो रही थी और उसे अपने पति से गुजारा भत्ता पाने का हक है। साथ ही पति को निर्देश दिया कि वह पत्नी को हर महीने 35 हजार रूपये अंतरिम गुजारा भत्ता अदा करे। 

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