दरअसल, धारावी की गिनती दुनिया के सबसे बड़े स्लम एरिया में होती है। शुरुआत में धारावी में कोरोना वायरस के मामले काफी तेजी से बढ़े थे। कई रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि धारावी में कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड हुआ। लेकिन, बहुत जल्द इस स्लम एरिया में कोरोना पर काबू पा लिया गया। जिसके कारण पूरी दुनिया में धारावी की जमकर चर्चा हुई। अब विश्व बैंक ने भी कोरोना महामारी में धारावी मॉडल की तारीफ की है। विश्व बैंक का कहना है कि कोविड-19 के खिलाफ सभी के सहयोग और सटीक रणनीति के कारण दुनिया के सबसे बड़े स्लम एरिया में कोरोना पर काबू पाया जा सका। इतना ही नहीं इस मॉडल ने कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में दुनिया का मार्गदर्शन भी किया है। विश्व बैंंक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि मई महीने में धारावी के कोविड-19 के मामले काफी अधिक थे। लेकिन, जुलाई महीने में कोरोना केस में 20 प्रतिशत की गिरावट आई। गौरतलब है कि धारावी में 11 मार्च को कोरोना का पहला मामला सामने आया था।
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Good News: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बड़ी कामयाबी, भारत में रिकवरी रेट रिकॉर्ड 85 फीसदी पार पहुंचा साढ़े छह लाख लोग रहते हैं धारावी में यहां आपको बता दें कि धारावी इलाका तकरीबन 2.5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस इलाके में करीब साढ़े लाख लोग रहते हैं। शुरुआत में यहां कोरोना महामारी काफी तेजी से फैला था। ऐसा लग रहा था कि धारावी में कोरोना महामारी काफी विकराल रूप धारण करेगी। लेकिन, सटीक रणनीति के कारण समय रहते यहां पर कोरोना पर काबू पा लिया गया। यहां पर बड़े स्तर में कोरोना की जांच की गई। प्राइवेट चिकित्सालयों को इस एरिया में तैनात किया गया। साथ यहां रहे लोगों को भी इस महामारी को लेकर अवेयर किया गया। लिहाजा, यहां महामारी ज्यादा समय तक नहीं फैल सकी है और आज पूरी दुनिया में धारावी मॉडल की चर्चा हो रही है।