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विश्व ब्रेल दिवस: जानिए लुई ब्रेल के दिमाग में कैसे आया ब्रेल लिपि का आइडिया

रेल लिपि का आविष्कार करने वाले लुई ब्रेल की याद में हर साल विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है।

Jan 03, 2019 / 06:37 pm

Shweta Singh

विश्व ब्रेल दिवस: जानिए लुई ब्रेल के दिमाग में कैसे आया ब्रेल लिपि का आइडिया

नई दिल्ली। ब्रेल लिपि का आविष्कार करने वाले लुई ब्रेल की याद में हर साल विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है। उनका जन्म 4 जनवरी, 1809 को हुआ था। हर साल 4 जनवरी को पूरी दुनिया में विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि लुई ने मात्र 15 साल की उम्र में ही ब्रेल लिपि की खोज की थी।

भाषा नहीं, ब्रेल एक तरह का कोड

दरअसल, एक दुर्घटना के कारण उनकी देखने की क्षमता छीन गई थी। जिसके बाद उन्होंने ये अद्भुत खोज की। ब्रेल लिपि के आविष्कार के बाद दुनियाभर में नेत्रहीन, दृष्टिहीन या आंशिक रूप से नेत्रहीन लोगों की जिंदगी काफी हद तक आसान हो गई। इसकी मदद से ऐसे कई लोग अपने पैरों पर खड़े हो सके। आपको बता दें कि ब्रेल एक तरह का कोड है। इसे अकसर भाषा के तौर पर देखे जाने की भूल की जाती है।

ऐसे आया था ब्रेल लिपि का आइडिया

बता दें कि ब्रेल लिपि के अंतर्गत उभरे हुए बिंदुओं से एक कोड बनाया जाता है, जिसमें 6 बिंदुओं की तीन पंक्तियां होती हैं। इन्हीं में इस पूरे सिस्टम का कोड छिपा होता है। कहा जाता है कि ब्रेल लिपि का आइडिया लुई ब्रेल के दिमाग नेपोलियन की सेना के एक कैप्टन चार्ल्स बार्बियर की वजह से आया था, जो उनके स्कूल के दौरे पर आए थे। उन्होंने बच्चों के साथ ‘नाइट राइटिंग’ नाम की तकनीक साझा की थी जिसकी मदद से सैनिक दुश्मनों से बचने के लिए उपयोग में लाया करते थे। इसके तहत वे उभरे हुए बिंदुओं में गुप्त संदेशों का आदान-प्रदान करते थे।

कंप्यूटर में भी ब्रेल सिस्टम

ये तकनीक अब कंप्यूटर तक पहुंच गई है। ऐसे कंप्यूटर्स में गोल व उभरे बिंदू जिस कारण दृष्टिहीन लोग अब तकनीकी रूप से भी मजबूत हो रहे हैं।

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