इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि नगर निगम वाले 200 शहरों में इस योजना का विस्तार किया जायेगा। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से कैम्पा फंड से आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाएगी।
केरल में गर्भवती हथिनी हत्या मामले में एक आरोपी गिरफ्तार जावड़ेकर ने कहा हमारे ग्रामीण इलाकों में तो जंगल हैं लेकिन शहरी इलाकों में वनों की कमी की वजह से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में हमारी योजना है कि अब शहरी इलाकों में भी वन क्षेत्रों को बढ़ाया जाएगा,ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे।
उन्होंने कहा कि शहरों में उद्यान हैं, लेकिन वन नहीं हैं। कुछ शहरों में जंगल हैं पर अधिक जंगल की जरूरत है। शहरों में वन क्षेत्र और बंजर बन चुकी भूमि के आंकड़े एकत्र किये जायेंगे और सार्वजनिक निजी भागीदारी से नगरवन योजना को जनांदोलन बनाया जायेगा।
पुणे के उपनगरीय वार्जे क्षेत्र में पिछले पांच साल के दौरान नौ हजार एकड़ क्षेत्र में यह स्मृति वन विकसित किया गया है। इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत विकसित किया गया है। महाराष्ट्र के वन मंत्री संजय राठौड़ ने वार्जे स्मृति वन से योजना की शुरुआत करने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद किया।
अच्छा वन विकसित करने वाले को मिलेगा पुरस्कार
वन मंत्री संजय राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार ने ढाई से तीन अरब टन कार्बन सिंक बनाने का फैसला किया है और नगरवन योजना इसमें कारगर होगी। जहां अच्छा वन बनेगा उनको पुरस्कार देने पर भी विचार करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने मात्र 2.5 प्रतिशत भूमि और चार प्रतिशत प्राकृतिक जन संसाधन के साथ 16 फीसदी जनसंख्या तथा 16 फीसदी पशुधन के दबाव के बावजूद दुनिया की आठ फीसदी जैव विविधता का संवर्द्धन कर साबित कर दिया है कि हम कम संसाधन में भी प्रकृति की रक्षा कर सकते हैं।
माता वैष्णोदेवी दर्शनों को लेकर श्राइन बोर्ड ने दिया बड़ा बयान, जानें यात्रा ट्रैक को लेकर क्या कहा? यह भारतीय संस्कृति की प्रकृति है जिसमें हम पशु, पक्षी और पेड़ों की भी पूजा करते हैं और उनका संरक्षण करते हैं। हर गांव में एक वन ऐसा होता है जिसमें कटाई-चराई नहीं होती।