नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय सोमवार को ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (एआईबीए) की उस याचिका पर सुनवाई कर सकता है, जिसमें केरल के राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पी.सदाशिवम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्ति करने से केंद्र सरकार को रोकने की मांग की गई है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू तथा न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई पर फैसला लेने के पहले वह कागजात देखेंगे, क्योंकि एआईबीए की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील बी.बी.सिंह ने न्यायालय से मामले की सुनवाई सोमवार को करने की अपील की है और न्यायालय में वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी पेश होंगे।
एनएचआरसी के वर्तमान अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के.जी.बालकृष्णन अगले महीने पद छोड़ रहे हैं। एआईबीए ने मांग की है कि न्यायालय केंद्र सरकार को निर्देश दे कि प्रक्रिया का पालन किए बिना वह एनएचआरसी के अध्यक्ष पद के लिए अवैध तथा मनमाने ढंग से सदाशिवम की एकमात्र उम्मीदवारी पर विचार न करे, क्योंकि अगर ऎसा होता है, तो सम्मानित संस्था की अखंडता दांव पर लग जाएगी।
समाचार पत्र की एक रपट का हवाला देते हुए एआईबीए ने अपनी याचिका में कहा है कि एनएचआरसी के अध्यक्ष पद के लिए पूर्व प्रधान न्यायाधीशों जैसे न्यायमूर्ति आर. एम.लोढ़ा, न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर तथा न्यायमूर्ति एस.एच.कपाडिया की उम्मीदवारी पर विचार किए बिना केंद्र सरकार इस पद के लिए केरल के राज्यपाल की पहले ही सहमति ले चुकी है। न्यायमूर्ति लोढ़ा, न्यायमूर्ति कबीर तथा न्यायमूर्ति कपाडिया की सहमति न लेकर केवल न्यायमूर्ति सदाशिवम की सहमति लेना दोषपूर्ण चयन प्रक्रिया होगी, जिसे चुनौती दी जाएगी।
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