मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति शी और प्रधानमंत्री मोदी अपनी दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए 11-12 अक्टूबर को तटीय नगर महाबलीपुरम में मिलने वाले हैं। दोनों नेताओं के बीच कश्मीर और अनुच्छेद 370 के मुद्दों पर चर्चा नहीं होगी। रिपोर्ट्स के अनुसार भारत ने अनुच्छेद 370 पर अपना रुख बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि यह भारतीय संविधान से संबंधित है, जो हमारी संप्रभुता का मामला है। तो इस पर चर्चा होने का सवाल ही नहीं उठता। कुछ रिपोर्ट्स का यह भी कहना है कि अगर राष्ट्रपति शी मामले को समझना चाहते हैं तो हम इसे समझाएंगे।
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने और चीन द्वारा इस पर आपत्ति जताने के मुद्दे पर कहा गया है कि यह कदम स्थानीय जनता द्वारा और विकास तथा अधिकार देने की मांग पर उठाया गया है। इसके अलावा चीन को भारत का रुख बता दिया गया है कि उसने बाहरी सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है। अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए शी के भारत दौरे पर आने से पहले बीजिंग ने मंगलवार को कश्मीर पर नरम रुख अपनाते हुए कहा था कि यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत और विचार-विमर्श के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए।