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आयरलैंडः गर्भपात कानून हटाने के विरोध में सड़क पर उतरे 1 लाख लोग, सरकार ने लिया जनमत संग्रह कराने का फैसला

locationनई दिल्लीPublished: Mar 11, 2018 10:35:36 pm

Submitted by:

Mazkoor

आयरलैंड के संविधान में 1983 में हुए आठवें संशोधन के तहत अजन्मे बच्चे और उनकी मां को जीने का अधिकार देता है।

street protesting

डबलिन। आयरलैंड की राजधानी डबलिन में गर्भपात कानून को हटाने की मांग कर रहे लोगों ने सड़क पर उतर कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में एक लाख लोग सड़कों पर उतर आए जिसमें शामिल होने के लिए देश विदेश से हजारों लोग आयरलैंड पहुचे थे।

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विरोध प्रदर्शन में 1 लाख से अधिक लोग हुए शामिल
आपको बता दें कि आयरलैंड की सरकार ने गर्भपात को प्रतिबंधित करने वाले कानून को हटाने के लिए एक जनमत संग्रह कराने का प्रस्ताव रखा है जिसके विरोध में 1 लाख से अधिक लोग सड़क पर उतर कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द अपने निर्णय को वापस ले। संसद के निचले सदन में शुक्रवार से जनमत संग्रह प्रस्ताव पर बहस शुरू हुई। इसी के विरोध में रैली का आयोजन किया गया था। इसमें कुछ गर्भवती महिलाएं भी शामिल हुईं। पूरे शहर में मार्च करने के बाद सभी संसद भवन के सामने एकत्रित हुए और गर्भपात के विरोध में नारे लगाए।

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क्या है गर्भपात का कानून
आपको बता दूं कि आयरलैंड की संविधान के आठवें संशोधन के तहत गर्भपात पर पाबंदी लगा दी गई है। 1983 में हुए इस संशोधन के तहत अजन्मे बच्चे और उनकी मां को जीने का अधिकार देता है। लेकिन अब सरकार इस संशोधन को निरस्त करना चाहती है। साथ हीं 12 सप्ताह की गर्भवती को गर्भपात कराने का हक देने के लिए कानून भी बनाने की बात कर रही है।

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क्यों नहीं है गर्भपात की इजाजत
आपको यहां बताते चलें कि आयरलैंड की संविधान के आठवें संशोधन में दुष्कर्म या गर्भ में पल रहे बच्चे में कोई विकृति होने पर भी गर्भपात की इजाजत नहीं दी गई है। अवैध तरीके से गर्भपात कराने वाले को 14 साल जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। 2012 में भारतीय महिला सविता हलप्पनवार की समय पर गर्भपात नहीं कराने के कारण मृत्यु हो गई थी। इसके बाद 2013 में कानून में बदलाव किया गया। इसके अनुसार चिकित्सकीय या अन्य कारणों से मां की जिंदगी खतरे में होने पर गर्भपात कराया जा सकता है।

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