विश्व में सिर्फ 50 लोग इसके शिकार यह दुर्लभ बीमारी इस वक्त विश्व के सिर्फ 50 लोगों को है। लिंडसे के लिए जीवन बिल्कुल सामान्य नहीं है क्योंकि पानी के द्वारा अलर्जी होने के कारण वह औरों की तरह नहा नहीं सकती हैं। उनको पीने के लिए भी सिर्फ दूध से बनी चीजों का ही इस्तेमाल करना होता है। लिंडसे कहती हैं कि औरों की तरह वह घर से बाहर नहीं निकल सकती क्योंकि अगर बारिश में भीग गईं तो उनकी सेहत पर असर पड़ेगा। पानी के साथ अगर थोड़ा सा भी संपर्क लिंडसे का होता है तो उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। उनके शरीर पर कुछ चकत्ते जैसे निशान बनने लगते हैं। सांस इतनी तेज चलने लगती है कि हर बार उन्हें सांस लेने लिए मशीन का सहारा लेना पड़ता है।
पानी से संपर्क में आते ही शरीर पर निकलते हैं चकत्ते ऑफिस असिस्टेंट का काम करनेवाली लिंडसे कहती हैं कि उनके लिए जीवन का हरेक दिन बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण है। वह रोजमर्रा के बहुत से ऐसे काम नहीं कर सकती जो दूसरे लोग कर सकते हैं। वह अपनी उम्र के दूसरे युवाओं की तरह मौज-मस्ती नहीं कर सकतीं,सामान्य जीवन नहीं जी सकती। लिंडसे कहती हैं कि जब भी उन्हें शॉवर लेना होता है वह खुद को ऊपर से नीचे तक पतले कवर में ढक लेती हूं। शॉवर के कारण उनकी आंखें लाल हो जाती है और उनसे लगातार पानी गिरता रहता है।