इस संबंध में नोबेल जूरी ने कहा, “इस साल के नोबेल पुरस्कार विजेताओं की अभूतपूर्व खोजों ने हमें यह समझने की अनुमति दी है कि कैसे गर्मी, ठंड और यांत्रिक बल, उन तंत्रिका आवेगों को शुरू कर सकते हैं जो हमें दुनिया को देखने और इसके साथ अनुकूलित करने की अनुमति देते हैं।”
जूरी ने आगे कहा, “हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में हम इन संवेदनाओं को यों ही हल्के में लेते हैं, लेकिन कैसे उन तंत्रिका आवेगों को शुरू किया जाता है जिससे तापमान और दवाब को महसूस किया जा सके? इस सवाल को इस वर्ष के नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने हल किया है।”
इस सम्मान को हासिल करने पर सैन फ्रांसिस्को स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया के प्रोफेसर जूलियस और कैलिफोर्निया स्थित स्क्रिप्स रिसर्च के प्रोफेसर पैटापाउटियन संयुक्त रूप से 11 लाख डॉलर के नोबेल पुरस्कार की धनराशि के चेक को आपस में साझा करेंगे।
पिछले साल हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए तीन वायरोलॉजिस्ट को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया था। जबकि 2020 का नोबेल पुरस्कार महामारी के बीच दिया गया था, ऐसा पहली बार है कि इस बार पूरी चयन प्रक्रिया कोरोना वायरस के साये में हुई है।
नोबेल पुरस्कार के नामांकन प्रतिवर्ष जनवरी के अंत में बंद हो जाते हैं और पिछले वर्ष इस दौरान कोरोना वायरस का प्रकोप काफी हद तक चीन में सीमित था। अब मंगलवार को भौतिकी में नोबेल पुरस्कार, बुधवार को रसायन विज्ञान के विजेता की घोषणा, गुरुवार को साहित्य के लिए बहुप्रतीक्षित सम्मान, शुक्रवार को अर्थशास्त्र के लिए और सोमवार 11 अक्टूबर को शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जाएगी।