यह मामला अमेरिका के विस्कॉन्सिन का है जहाँ रहने वाले केन लेम्होफ़ को एक हॉलीवुड फिल्म देखने के बाद उसमें दिखाई गई एक सुपर कार से इतना प्यार हो गया कि वो उसे देखने के सपने देखने लगा। लेकिन केन कबाड़ काम किया करता था जिसके लिए लिम्बोर्गिनी सुपर कार को खरीद पाना लगभग नामुमकिन था लेकिन वो इस कार से इस कदर प्यार करने लगे थे कि वे इसके बिना नहीं रह पा रहे थे। इसलिए केन ने इस कार को अपने हाथों से बनाने के लिए सोचा और अपनी इस सोच और सपने को पूरा भी किया।
दरअसल केन एक इंजीनियर हैं और नौकरी न लग पाने के कारण वो घर पर ही छोटा-मोटा काम किया करते थे। केन ने 1990 लैम्बोर्गिनी कार को बनाने का फैसला किया और लगातार घर पर ही मेहनत और प्रयास कर 2008 में उन्होंने पाने उस सपने को पूरा किया। साल 2008 में जाकर उनकी वो ड्रीम कार बन कर पूरी तरह से तैयार हुई।
इन 17 सालों में रात दिन उन्होंने कार को अपने घर के तहखाने में बनाया। कार से सम्बंधित जानकारी पहले से होने के कारण उन्होंने खुद इस कार को बिना किसी मदद के तैयार कर लिया। इस कार को बनाने में उन्होंने लकड़ी और मेटल का इस्तेमाल किया। इसका स्ट्रक्चर लड़की का था, जिसके उपर मेटल का कोट किया गया था।
हालांकि कुछ दिनों के बाद केन ने अपनी इस ड्रीम सुपर का को बेचने का मन बना लिया। एक ऑनलाइन वेबसाइट पर उन्होंने अपनी इस कार का दाम 48 लाख रुपए लगाया था। जिसे मियामी में रहने वाले एक व्यक्ति ने खरीदा था। हालांकि केन ने इस बात का कोई खुलासा नहीं किया कि असल में उन्हें उनकी इस कार के दाम कितने मिले।