पहले तो, महिला इतने पैसे लेने में आनाकानी की कहा कि वह इसे नहीं ले सकती, लेकिन उस आदमी के ज़्यादा जोर देने पर उसने पैसा ले लिया और उसके बदले उसने उस आदमी को गले लगाया। उसे जरा भी अंदाजा नहीं था कि जिस आदमी ने उसे पैसा दिया है वो उसका पीछा कर रहा है यह देखने के लिए कि वह यह पैसा कहां खर्च करेगी। वो आदमी ययह देखकर दंग रह गया कि उसने किसी दूकान से कुछ नहीं खरीदा।
उसने कपड़े, जूते, बैग यहां तक कि उसने खाना भी नहीं खरीदा। उसने एक ऐसी चीज खरीदी जिसे देख कर वह आदमी और उसके दोस्त दंग रह गए। ये बेघर महिला एक डॉग शेल्टर में गई और थोड़ी देर तक वो अंदर ही रही। कुल 45 मिनट के बाद अपने हाथों में कुछ ऐसी चीज लेकर शेल्टर से बाहर लेकर निकली जो किसी ने भी नहीं सोचा था। उस महिला ने उस व्यक्ति द्वारा दिए गए पैसों से एक कुत्ता खरीदा था। यह देखकर कोई भी हैरान हो जाएगा तो वो आदमी का भी हैरान होना लाज़मी था और उस महिला से बात किए बिना वह रह नहीं पाया। उसने महिला से पूछा कि उसने सारी चीज़ें छोड़ कर एक कुत्ता ही क्यों खरीदा। जो जवाब उसने दिया उसने सबका दिल छू लिया।
“मुझे नहीं पता, आज मैंने जितनी भी चीज़ें देखीं उन सबमें से कुत्ता लेना ही मुझे उचित लगा। मैंने कपड़े देखे, गहने देखे पर इनमें से कुछ भी मेरे मन को नहीं भाया।” इस महिला की बात सुनकर उस दयालु इंसान ने उसे और पैसे दिए लेकिन इस बार खुद के और कुत्ते के लिए खाना खरीदने के लिए और कुत्ते के लिए एक साथी खरीदने के लिए। इसके बदले उन सब लोगों ने उसे प्यार से गले लगाया।
इस कहानी ने तो आज ये वो धारणा ही गलत कर दी… कि पैसों से प्यार नहीं खरीदा जा सकता। इस बेघर महिला ने उस चीज़ को खरीदने का फैसला किया जिसको खुद एक घर की दरकार थी। इससे उस महिला की निःस्वार्थ और दयालुता का पता चलता है। उसके खुद के पास रहने के लिए घर नहीं है और वह खुद ही बहुत मुश्किल से तीन समय का भोजन खा पाती है फिर भी उसने उस कुत्ते को खरीदा ताकि वह हमेशा उसका दुख-सुख का साथी रहे। एक कुत्ते से बेहतर साथी कौन हो सकता है? सच्चा प्यार तो कोई इनसे सीखे।