इसको जलाने के लिए बाहर से किसी उर्जा की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि ये पौधा अपने से उर्जा पैदा कर रोशनी बिखेरने का काम करेगी। वैज्ञानिकों ने ये भी कहा कि ये पौधा पहले केवल ४५ मिनट तक ही रोशनी बिखेरने का काम करता था लेकिन बाद में उसमें कुछ और परिवर्तन किए गए जिससे अब ये करीब साढ़े तीन घंटे तक लगातार रोशनी फैलाएगी। इस इंस्टीट्यूट के एक प्रोफेसर मिशैल स्ट्रैनो का इस बारे में कहना है कि इस पौधे को बनाने के लिए उनकी टीम ने लूसीफेरिस का प्रयोग किया है जो कि एंजाइम को रोशनी में बदलने का काम करती है। लूसीफेरिस एक अणु पर काम करता है जो कि प्रकाश का उत्सर्जन करता है। ये टेबिल लैम्प वाकई में अनोखा होगा और इससे उर्जा की भी बचत होगी। अब देखने वाली बात ये है कि आने वाले समय में ये लोगों के मन को कितना भाता है।