लोगों ने पूजा-अर्चना कर लड्डू व मिष्ठानों का भोग लगाया और रिद्धि-सिद्धि के दाता को मनाया। घर व सार्वजनिक स्थलों पर भी विभिन्न संस्थाओं की ओर से गणपति स्थापना की गई। श्रद्धालु शोभायात्राओं में ढोल बजाते, आतिशबाजी करते हुए गणपति को लेकर आए। इस दौरान जय गणेश देवा…, गणपति वंदन गणनायक..सरीखे भजन गूंजते रहे।
खड़े गणेशजी मंदिर में श्रद्धालुओं ने विशेष व्यवस्थाओं के बीच दर्शन किए। मंदिर में रविवार शाम से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था, मध्यरात तो यहां लंबी कतार लग गई। आयोजनों के तहत मंदिर के मुख्य पुजारी ओमसिंह के सान्निध्य में रविवार को विशेष पूजा-अर्चना की गई, सोमवार को ब्रह्ममुहूर्त में मंगला की गई व श्रद्धालुओं को स्वर्ण शृंगार के दर्शन कराए गए।
मंदिर ट्रस्ट के सचिव गोकुलप्रसाद यादव, पार्षद ओम गुंजल, राजेन्द्र गुप्ता समेत अन्य लोग व्यवस्था में जुटे रहे। मंदिर परिसर में विभिन्न संस्थाओं की ओर से रक्तदान शिविर लगाया गया, वहीं डेंगू दवा का वितरण किया गया।
बूंदी रोड स्थित गणेशपाल मंदिर में सुबह मंगला आरती से पहले ही श्रद्धालुओं की भीड उमडऩे लगी। यहां दोपहर बाद भंडारे का आयोजन किया गया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने महाप्रसादी ग्रहण की। पाटनपोल स्थित मंशापूर्ण गणेश मंदिर में स्वर्ण शृंगार के दर्शन कराए। टिपटा स्थित भूरिया गणेशजी, सूरजपाल स्थित धनरूप गणेश व अन्य मंदिरों में भी विशेष शृंगार के दर्शन कराए गए।
घर-घर गणेश स्थापना लोगों ने घरों में भी गणपति की स्थापना की। केल के पत्तों, दूब, फूल व पत्तो से झांकियां बनाई। बच्चों में खासा उत्साह नजर आया। केशवपुरा टीचर्स कॉलोनी के प्रियांशु तो सप्ताहभर से गणेश महोत्सव की तैयारी में लगे हुए थे, वहीं बालक वैभव एक-दो दिन पहले से ही झांकी के लिए सामग्री जुटाने में लग गया। लोगों ने घरों में छोटी प्रतिमाएं स्थापित की। पूजा अर्चना कर मोदक का भोग लगाया।