उम्मीद है कि वह अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया, तालिबान के साथ वार्ता और अफगानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी के मसलों पर बातचीत करेंगे। स्थानीय मीडिया ने पाकिस्तान में अमरीकी राजनयिकों के हवाले से बताया कि खलीलजाद शांति प्रक्रिया में अफगान तालिबान को शामिल करने को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों पर दबाव डाल सकते हैं।
अखबार के अनुसार, उन्होंने कहा कि अमरीकी विदेश विभाग की वरिष्ठ अधिकारी लीसा कुर्टिस भी बैठक में शामिल होंगी। खलीलजाद ने पिछले महीने अबु धाबी में तालिबान के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। वह अफगानिस्तान में विवाद का हल तलाशने के मद्देनजर 8-21 जनवरी के दौरान बातचीत के लिए भारत, चीन, अफगानिस्तान और पाकिस्तान का दौरा कर रहे अंतर-एजेंसी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे हैं।
उनका यह दौरा अमरीकी राष्ट्रपति की ओर से अफगानिस्तान से 14,000 अमरीकी सैनिकों में से आधे की वापसी के संकेत दिए जाने के बाद हो रहा है। ट्रंप ने पिछले दिनों यह कहते हुए भारत की आलोचना की थी कि भारत, अफगानिस्तान में शांति व स्थिरता लाने की दिशा में पर्याप्त कार्य नहीं कर रहा है।
इस पर नई दिल्ली की ओर से कहा गया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के विशेष आदेश के सिवा अपनी सेना विदेश नहीं भेजता है।