पाक सरकार आम चुनाव से पहले मंदी से रहना चाहती है दूर, चीन से लेगी कर्ज पाक में होगा त्रिकोणीय मुकाबला इस चुनाव में जरदारी की पार्टी पीपीपी, नवाज शरीफ की सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा। जरदारी के शुरुआती राजनीतिक सफर को देंखे तो उन्हें पहले काफी निराशा सामना करना पड़ा। 1983 में वह सिंध के नवाबशाह से जिला काउंसिल के चुनाव में हार गए। इसके बाद उन्होंने रियल स्टेट में हाथ आजमाया। 18 दिसंबर 1987 को बेनजीर भुट्टो से उनकी शादी हुई। जब 1988 में बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं,तब जरदारी एकाएक बड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए।
भारत ने हमें परमाणु बम बनाने पर मजबूर किया: पाकिस्तान ‘मिस्टर 10 पर्सेंट’ के नाम से जाने जाते थे कहा जाता है कि उस दौर में पाकिस्तान में कोई भी डील बिना जरदारी की हामी के बिना पास नहीं हो सकती थी। किसी भी प्रोजेक्ट को आगे करवाने के लिए जरदारी ने अपना कमीशन बांधा हुआ था। तब उन्हें लोग ‘मिस्टर 10 पर्सेंट’ के नाम से जानते थे। 10 अक्टूबर 1990 को अपहरण और वसूली के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 90 के दशक में जरदारी ने पर्दे के पीछे से सियासत छोड़ सामने आने का फैसला किया और जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा और जीते भी। 1993 में वे पहली बार पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार में मंत्री बने।