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ब्रिटेन के बाद बांग्लादेश और नीदरलैंड ने भी दिया ‘जिहादी दुल्हन’ को झटका, शरण देने से किया इनकार

Published: Feb 21, 2019 12:44:11 pm

Submitted by:

Shweta Singh

15 साल की उम्र में भागी थी ISIS बनने
बांग्लदेश मूल की ब्रिटिश निवासी है शमीमा बेगम
नवजात बच्चे के लिए लौटना चाहती है देश

After britain now bangladesh and netherland also stepped back in providing shelter to shamima begum

ब्रिटेन के बाद बांग्लादेश और नीदरलैंड ने भी दिया ‘जिहादी दुल्हन’ को झटका, शरण देने से किया इनकार

लंदन। ISIS में भर्ती होने के लिए अपना घर छोड़ने वाली ब्रिटेन की शमीमा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पहले ब्रिटेन के मंत्रालय ने शमीमा से ब्रिटिश नागरिकता छिनने का फैसला किया था। अब उन्हें बांग्लादेश और नीदरलैंड्स भी झटका मिला है। दरअसल, शमीमा अब युद्ध क्षेत्र से निकलकर अपने घर लौटना चाहती हैं, लेकिन ब्रिटेन के बाद अब इन दोनों देशों ने भी शमीमा को शरण देने से मना कर दिया है।

बांग्लादेश की टिप्पणी

इस बारे में ऐलान करते हुए बांग्लादेश ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि जिहादी दुल्हन (शमीमा) के पास अब दोहरी नागरिकता नहीं है, ऐसे में उसका इस देश से कोई लेना देना नहीं है। अपने नवजात बच्चे के लिए देश वापस लौटने की कोशिश कर रही शमीमा की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई, ब्रिटेन और बांग्लादेश के बाद यूरोपीय देश नीदरलैंड ने भी उसे अपने देश में घुसने से मना कर दिया है।

2015 में भागी थी अातंकी संगठन में शामिल होने

आपको बता दें कि शमीमा मूल रूप में बांग्लादेश की हैं, जो कि ब्रिटेन के स्कूल में पढ़ा करती थीं। 15 साल की उम्र में साल 2015 में उसने आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए अपना देश छोड़ दिया था। उस वक्त डच के यागो रिडिजक के साथ वो जिहाद में शामिल हुई थी। अब 19 साल की हो चुकी शमीमा अपने तीसरे नवजात बच्चे के लिए वापस लौटना चाहती है। लेकिन अब इस जिहादी दुल्हन के रास्ते आसान नहीं है। आपको बता दें कि युद्ध की खबरें कवर करने वाले एक रिपोर्टर ने शरणार्थी शिविर में शमीमा का पता लगाया था। उसने ही जानकारी दी थी कि वह गर्भवती है और अपने बच्चे की सुरक्षा के लिए युद्ध क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए परेशान है। बता दें कि इससे पहले हुए उसके दो बच्चों की बीमारी और कुपोषण के चलते मौत हो चुकी है।

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