बांग्लादेश की टिप्पणी
इस बारे में ऐलान करते हुए बांग्लादेश ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि जिहादी दुल्हन (शमीमा) के पास अब दोहरी नागरिकता नहीं है, ऐसे में उसका इस देश से कोई लेना देना नहीं है। अपने नवजात बच्चे के लिए देश वापस लौटने की कोशिश कर रही शमीमा की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई, ब्रिटेन और बांग्लादेश के बाद यूरोपीय देश नीदरलैंड ने भी उसे अपने देश में घुसने से मना कर दिया है।
2015 में भागी थी अातंकी संगठन में शामिल होने
आपको बता दें कि शमीमा मूल रूप में बांग्लादेश की हैं, जो कि ब्रिटेन के स्कूल में पढ़ा करती थीं। 15 साल की उम्र में साल 2015 में उसने आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए अपना देश छोड़ दिया था। उस वक्त डच के यागो रिडिजक के साथ वो जिहाद में शामिल हुई थी। अब 19 साल की हो चुकी शमीमा अपने तीसरे नवजात बच्चे के लिए वापस लौटना चाहती है। लेकिन अब इस जिहादी दुल्हन के रास्ते आसान नहीं है। आपको बता दें कि युद्ध की खबरें कवर करने वाले एक रिपोर्टर ने शरणार्थी शिविर में शमीमा का पता लगाया था। उसने ही जानकारी दी थी कि वह गर्भवती है और अपने बच्चे की सुरक्षा के लिए युद्ध क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए परेशान है। बता दें कि इससे पहले हुए उसके दो बच्चों की बीमारी और कुपोषण के चलते मौत हो चुकी है।