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एयरफोर्स वन जैसा सुरक्षित होगा पीएम का विमान, मिसाइल रक्षा प्रणाली से लैस करेगा अमरीका

locationनई दिल्लीPublished: Feb 07, 2019 12:55:53 pm

अमरीका ने कहा है कि वह भारत के एयर इंडिया वन को अमरीकी एयरफोर्स वन की टक्कर का बनाएगा।

Air India one

एयरफोर्स वन जैसा सुरक्षित होगा पीएम का विमान, मिसाइल रक्षा प्रणाली से लैस करेगा अमरीका

वाशिंगटन। अमरीका ने कहा है कि वह भारत के एयर इंडिया वन को अमरीकी एयरफोर्स वन की टक्कर का बनाएगा। पेंटागन ने इस बात का ऐलान करते हुए यह भी कहा है कि वह भारत को दो मिसाइल रक्षा प्रणालियों से लैस करेगी जिससे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस रक्षा प्रणाली का उपयोग एयर इंडिया वन के लिए किया जाएगा। पेंटागन के अनुसार इस प्रणाली की बिक्री से अमरीका -भारत के रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

पेंटागन का बड़ा ऐलान

अमरीका ने 190 मिलियन डॉलर की अनुमानित लागत के दो अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत को बेचने की सहमति डे दी है। ये दोनों उपकरण एयर इंडिया वन में लगाए जायेंगे। यह एक ऐसा कदम होगा जो प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के एयर इंडिया वन से यात्रा करने के दौरान उस विमान की सुरक्षा को बढ़ाएगा। पेंटागन के अनुसार इन मिसाइलों की बिक्री यूएस-भारत के रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगी। पेंटागन ने यह भी कहा कि यह नीति अमरीका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के नियमों के अनुकूल है। अमरीकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने कांग्रेस को दी गई एक अधिसूचना में कहा कि ट्रंप प्रशासन ने इन्फ्रारेड काउंटरमेशर (LAIRCAM) और स्व-सुरक्षा सूट (SPS) के रूप में ज्ञात $ 190 मिलियन की दो प्रणालियों की बिक्री को मंजूरी दी। बता दें कि अमरीका का यह फैसला भारत सरकार द्वारा हाल ही में LAIRCAM और SPS के लिए अनुरोध करने के बाद आया है।

एयरफोर्स वन जैसी होगी एयर इंडिया वन

पेंटागन ने कहा कि यह रक्षा प्रणाली जो एयर इंडिया वन को एयर फोर्स वन जैसी बनाएगी, उसको बोइंग 777 के हेड-ऑफ-स्टेट विमान में स्थापित किया जाएगा। भारत सरकार ने इस विशिष्ट उद्देश्य के लिए एयर इंडिया से दो बोइंग 777 खरीदने की योजना बनाई है। आपको बता दें कि LAIRCM कार्यक्रम का उद्देश्य बड़े विमानों को मिसाइलों से बचाना है। अमरीका का कहना है कि यह क्षेत्रीय खतरों को कम करने के लिए भारत की क्षमता में सुधार करेगा। कांग्रेस में पेश की गई एक अधिसूचना के अनुसार, भारत के अनुरोध को अमरीका ने मान लिया है। बता दें कि अमरीका भारत को दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है। यह पहले से ही भारत को “प्रमुख रक्षा साझेदार” के रूप में मान्यता दे चुका है।

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