इस दौैरान वे बर्लिन की दीवार गिरने की 30वीं बरसी पर जर्मन सरकार तथा सिविल सोसायटी के साथ एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। पोेंपियो की यह यात्रा खास होने वाली है। इस यात्रा में वह द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पोंपियो इस दौरान जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, विदेश मंत्री हीको मास और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
नाटो में सहयोगी वाशिंगटन और बर्लिन ने हाल में कई मुद्दों पर असहमति जताई थी। इनमें बर्लिन का रक्षा क्षेत्र में खर्च, ईरान परमाणु मुद्दा के साथ-साथ नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन प्रोजेक्ट है, जिसे जर्मनी और रूस का समर्थन प्राप्त है।
नाटो में सहयोगी वाशिंगटन और बर्लिन ने हाल में कई मुद्दों पर असहमति जताई थी। इनमें बर्लिन का रक्षा क्षेत्र में खर्च, ईरान परमाणु मुद्दा के साथ-साथ नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन प्रोजेक्ट है, जिसे जर्मनी और रूस का समर्थन प्राप्त है।