अमरीका की दक्षिण व मध्य एशिया मामलों की मंत्री एलिस वेल्स ने गुरुवार को वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फार स्कॉलर्स में बताया कि जिस चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को दोनों एशियाई देश ‘गेम चेंजर’ के रूप में प्रचारित कर रहे हैं, वह केवल चीन के लिए ही फायदेमंद होगा।
वेल्स ने चेतावनी दी कि सीपीईसी किसी तरह की मदद के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि अरबों डॉलर की यह परियोजना चीन के गैर रियायती कर्जो से संचालित हो रही है। इसके लिए चीनी कंपनियां अपने कर्मचारी व सामान भेज रही हैं।
यह सब पाकिस्तान में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी के बीच हो रहा है। यह गलियारा पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए कड़ी परीक्षा साबित होने जा रहा है। विशेषकर आने वाले चार से छह साल में जब कर्जे के भुगतान का समय आएगा। अगर इस समय को आगे के लिए भी खिसका दिया गया तो भी यह प्रधानमंत्री इमरान खान के सुधार एजेंडे और पाकिस्तान के सिर पर तलवार की तरह लटकता रहेगा।