बताया जा रहा है कि जनरल झाओ जोंगकी को भारत का अमरीका के साथ नजदीकी रिश्ते बनाना पसंद नहीं था। इसे लेकर वह भारत को ‘सबक’ सिखाना चाहता था। हालांकि ये चीन पर भारी पड़ा क्योंकि भारत के जहां 20 जवान शहीद हुए, वहीं चीन के 40 से ज्यादा जवान मारे गए।
गौरतलब है कि 15-16 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाएं भिड़ गई थीं। चाकू और रॉड से चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था। चीनी सैनिकों ने उस समय अचानक हमला बोला था जब बिहार रेजीमेंट के जवान कर्नल संतोष बाबू की अगुवाई में यह पता करने गए थे कि समझौते के तहत चीनी सेना ने भारतीय सीमा के अंदर लगाए टेंटों को हटाया की नहीं। उसी समय चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला कर दिया।
चीनी सैनिकों के हमले में कई भारतीय जवान घायल हो गए और वे नदी में गिर गए। बाद में जानकारी दी गई कि इस झड़प में 20 भारतीय जवानों शहीद हो गए। इसमें कर्नल संतोष बाबू भी थे। इस हमले पर पलटवार करते हुए भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों पर हमला बोल दिया। इसमें 40 से ज्यादा चीनी सैनिक मारे जाने की सूचना मिल रही है। मगर चीन की ओर से संख्या को लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि चीन की सेना स्वीकार किया है कि उनका एक कमांडिंग ऑफिसर इस हमले में मारा गया था। इस झड़प के बाद से एलएसी में तनाव बरकरार है। ये संघर्ष 45 साल बाद हुआ है। भारत में चीन के सामानों का बहिष्कार शुरू हो गया है। आम जनता में भारी आक्रोश है।