क्रोध का मतलब आर्थिक पाबंदियां अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने कहा कि हथियार क्रार्यक्रम को बढ़ावा देकर ईरान पूरी दुनिया से बैर लेना नहीं चाहेगा। ऐसे में अमरीका की यह जिम्मेदारी होगी वह ईरान पर कठोर कार्रवाई करे। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि वह अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की बात नहीं कर रहे हैं। पॉम्पिओ ने कहा,’जब वह क्रोध की बात करते हैं तो इसका मतलब सैन्य कार्रवाई नहीं है। इसका मतलब वैश्विक स्तर पर निंदा और आर्थिक पाबंदियां हैं, जिनका ईरान को सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि सैन्य कार्रवाई की जरूरत ही न पड़े। यह किसी के भी हित में नहीं होगा।
ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं कर पाएगा पॉम्पिओ से पूछा गया कि क्या ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए अमेरिका कुछ भी करेगा, तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों में साफ कह चुके हैं कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं कर पाएगा। गौरतलब है कि ईरान से किए परमाणु समझौते को अमरीका ने तोड़ दिया है। उसका कहना कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाए। इससे पहले उत्तर कोरिया को लेकर पिछले दिनों अमरीका ने अपना आक्रमक रवैया अपनाया था। इसके बाद उत्तर कोरिया को उसने बातचीत की टेबल पर लाकर उसे परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए राजी कर लिया है।