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ऑस्ट्रेलिया ने की कोरोना के अंतर्राष्ट्रीय जांच की मांग, बौखलाए चीन ने अब चली नई चाल

locationनई दिल्लीPublished: May 13, 2020 10:43:49 pm

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS

चीन ने ऑस्ट्रेलिया के चार रेड मीड प्रोसेसिंग प्लांटों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है
ऑस्ट्रेलिया से जौ के आयात पर 80 फीसदी टैरिफ लगाने जा रहा है चीन
चीन ने कहा- कोरोना वायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच की मांग करना बेहद खतरनाक कदम है

 

australiya and china

कैनबरा। कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया में अब तक करीब 3 लाख लोगों की मौत हो चुकी है और 42 42 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। इसके अलावा पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। कोरोना वायरस को फैलने से कैसे रोका जाए और इसके निदान के लिए वैक्सीन बनाने पर चिकित्सक व वैज्ञानिक रात-दिन काम रहे हैं।

इस बीच अब कई देशों से कोरोना वायरस के चीन से निकलने को लेकर आवाजें उठने लगी हैं। पहले अमरीका ने खुले तौर पर ये कई बार कहा कि कोरोना चीन के वुहान से निकला है और चीन ने जानबुझकर पूरी दुनिया को धोखे में रखा है। अब ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन के खिलाफ मुहिम तेत कर दी है।

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ऑस्ट्रेलिया ने मांग की है कि कोरोना वायरस महामारी की अंतरराष्ट्रीय जांच हो। ऑस्ट्रेलिया की इस मांग से चीन बौखला गया है और अब ऑस्ट्रेलिया को दबाने के लिए नई चाल चल दी है। चीन ने व्यापार को हथियार बनाकर ऑस्ट्रेलिया को तगड़ा झटका दिया है।

चीन ने इस बात कि पुष्टि की है कि वह ऑस्ट्रेलिया से जौ के आयात पर 80 फीसदी टैरिफ लगाने जा रहा है। इतना ही नहीं, चीन ने क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स के चार मीट प्रोसेसिंग प्लांट्स से बीफ आयात पर भी बैन लगा दिया है। इससे ये साफ हो गया है कि ऑस्ट्रेलिया की ओर से कोरोना के जांच की मांग चीन को पसंद नहीं आया।

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चीन ने पहले जताई थी आपत्ति

आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के कोरोना वायरस की उत्पत्ति की अंतर्राष्ट्रीय जांच करने की मांग को लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई थी। ऑस्ट्रेलिया में चीनी राजदूत चेंग जिंगाये ने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि इस तरह का कदम उठाने पर चीन के लोग ऑस्ट्रेलियाई वस्तुओं का बहिष्कार कर देंगे।

जिंगाये ने आगे कहा था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच की मांग करना बेहद खतरनाक कदम है। ऑस्ट्रेलिया जो कर रहा है, उससे चीन की जनता परेशान और निराश हुई है। यदि हालात और भी अधिक खराब होते हैं तो लोग सोचेंगे कि हम ऐसे देश क्यों जाएं जिसका चीन के प्रति रवैया दोस्ताना नहीं है और ऐसे में चीनी पर्यटक भी ऑस्ट्रेलिया आने से पहले सौ बार सोचेंगे।

उन्होंने आगे धमकी भरे अंदाज में कहा कि यह पूरी तरह से लोगों के ऊपर निर्भर है। ऐसा हो सकता है कि आम नागरिक ऑस्ट्रेलियन वाइन पीने से मना कर दे या फिर कहे कि हम ऑस्ट्रेलिया का बीफ क्यों खाएं।

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गौरतलब है कि चीन ने इससे पहले मार्च 2019 में कनाडा के साथ कुछ ऐसा ही किया था। चीन ने जहाज में हानिकारक कीटाणु मिलने का दावा कर कनाडा के रिचर्डसन इंटरनेशनल से कनोला के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस वक्त राजनीतिक विशलेषकों ने ये माना था कि कनाडा सरकार के चीन की हुआवे कंपनी के सीएफओ को गिरफ्तार करने के जवाब में ये बैन लगाया गया है।

चीन ने पेश की सफाई

ऑस्ट्रेलिया से आयात पर बैन लगाने को लेकर चीन ने अब सफाई पेश की है। मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि कस्टम की जांच में निरीक्षण और क्वारंटीन के नियमों का उल्लंघन पाए जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया से बीफ के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में चीनी राजदूत चेंग की पूरी टिप्पणी को सावधानीपूर्वक पढ़ा जाए। इस बैन का ऑस्ट्रेलिया की जांच की मांग से कोई संबंध नहीं है।

आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया अपने कुल बीफ उत्पादन का 18 फीसदी और जौ के कुल उत्पादन का 49 फीसदी चीन को निर्यात करता है।

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