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ऑस्ट्रेलिया के जंगल में आग ने मचाई तबाही, अरबों प्रजातियां हुईं खत्म

locationनई दिल्लीPublished: Jan 19, 2020 01:39:33 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

डिकमैन ने इस बात पर चिंता जताई कि क्लाइमेट चेंज के कारण इंसानों पर जो प्रभाव पड़ रहा है उसका असर कहीं ज्यादा घातक है।

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कैनबरा। सिडनी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लाइफ एंड एनवायरनमेंट साइंसेज में टेरेस्ट्रियल इकोलॉजी के प्रोफेसर और ऑस्ट्रेलियन एकेडमी ऑफ साइंस के फेलो क्रिस्टोफर डिकमैन ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग में तकरीबन अरबों प्रजातियां जलकर नष्ट हो चुकी हैं। डिकमैन ने चिंता जताई कि क्लाइमेट चेंज के कारण इंसानों पर जो प्रभाव पड़ रहा है उसका असर कहीं ज्यादा घातक है।
ऑस्ट्रेलिया: भारी बारिश से जंगलों की आग पड़ी कमजोर, लेकिन अब बढ़ रहा है बाढ़ का खतरा

80 हजार कोआला आग में जलकर खाक

डिकमैन ने कहा कि अब भी इस पर काम कर रहे हैं और उनका मानना है कि सैकड़ों अरब प्रजातियों को नुकसान पहुंचा है। इसमें शक की गुंजाइश नहीं है। न्यू साउथ वेल्स से 80 हजार कोआला आग में जलकर खाक हो गए। ये आंकड़े और भी बढ़ सकते हैं। पौधों की लंबी रेंज है,जैसे ऑर्चिड की खास प्रजातियां हैं, जो छोटे-छोटे इलाकों में ही केवल पाए जाते हैं। आग से खत्म हो गए।
इस बर्बादी को क्लाइमेट चेंज से कैसे जोड़ेंगे

हम बीते कुछ समय से ये आकलन कर रहे थे कि क्लाइमेट चेंज की वजह से दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में गर्मी बढ़ती जा रही है। इससे और नमी खत्म हो रही है। तमाम जगहों पर अत्यधिक ठंड या अत्यधिक गर्मी है। मौसम के साथ सूखा और अचानक बारिश जैसे हालात भी देखने को मिल रहे हैं। 2019 में ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा गर्मी और सूखे मौसम को देखा गया है। 2018 में भी सूखा पड़ा, जो 2019 में भी कायम रहा। इस वजह से जंगलों में आग आसानी से लगी। इन सबकी भविष्यवाणी 2008 में ही कर दी गई थी। उसी समय ये अनुमान लगाया गया था कि 2020 के आसपास जंगलों में भीषण आग लग सकती है।

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