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Ayodhya Verdict: विदेश मंत्रालय ने विदेशी राजदूतों को अयोध्या फैसले से कराया अवगत

locationनई दिल्लीPublished: Nov 10, 2019 09:19:26 am

Submitted by:

Anil Kumar

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है
कोर्ट ने विवादित भूमि को राम जन्मभूमि न्यास को सौंप दिया है

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नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े और पुराने मामले पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सर्वोच्च अदालत ने अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि को हिन्दू पक्षकार राम जन्मभूमि न्यास को सौंप दिया है, जबकि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को यह आदेश दिया है कि मुस्लिम पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन अयोध्या में कहीं पर दी जाए।

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इस फैसले को लेकर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं भी आ रही है। इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर शनिवार को ही भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने कुछ देशों के राजदूतों को अवगत कराया। विदेश सचिव ने देश के इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम से विदेशी राजदूतों को अवगत कराया है।

फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि विदेश मंत्रालय की ओर से किन-किन देशों को अयोध्या फैसले को लेकर जानकारी दी गई है।

राम जन्मभूमि न्यास के हक में आया फैसला

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों ने 40 दिनों तक चली सुनवाई के बाद शनिवार को ऐतिहासिक फैसला दिया है। इस कोर्ट ने हर पक्ष को बारीकी से सुनने और हर तथ्यों पर गौर करने के बाद विवादित भूमि हिन्दू पक्षकार राम जन्म भूमि न्यास को सौंप दिया, जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीने देने को आदेश दिया गया।

फैसले के दौरान कोर्ट ने सरकार से कहा है कि तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाकर मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह फैसला धर्म या आस्था के आधार पर नहीं बल्कि साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर किया गया है। क्योंकि कानून किसी आस्था पर फैसला देने की इजाजत नहीं देता है।

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