अमरीका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ( Ambassador of India Taranjit Singh Sandhu ) ने कहा कि भारत और अमरीका में आयुर्वेदिक चिकित्सक और शोधकर्ता कोरोना वायरस के खिलाफ बचाव के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का संयुक्त क्लिनिकल परीक्षण शुरू ( Clinical trial of Ayurvedic medicines started ) करने की योजना बना रहे हैं।
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प्रतिष्ठित भारतीय-अमरीकी वैज्ञानिकों, विद्वानों और डॉक्टरों के समूह ने से बात करते संधू ने बुधवार को कहा कि संस्थागत भागीदारी के व्यापक नेटवर्क से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दोनों देशों के वैज्ञानिक समुदाय एक साथ आ गए हैं।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि हमारे संस्थान संयुक्त शोध, शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए आयुर्वेद का प्रचार करने के लिए एक साथ आए हैं। अब भारत-अमरीका के आयुर्वेदिक चिकित्सक और शोधकर्ता ( Ayurvedic practitioners and researchers from Indo-US ) कोरोना वायरस के खिलाफ बचाव के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का संयुक्त क्लिनिकल परीक्षण शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
पूरी दुनिया को होगा इससे फायदा: संधू
तरनजीत सिंह संधू ने आगे कहा कि हमारे वैज्ञानिक इस मोर्चे पर ज्ञान और अनुसंधान के संसाधनों का आदान-प्रदान कर रहे हैं। किफायती दवाओं और टीके बनाने में भारतीय दवा कंपनियां ( Indian pharmaceutical companies ) अग्रणी हैं और इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाएंगी।
भारतीय दवा कंपनियों की कम से कम तीन साझेदारी अमरीका स्थित संस्थानों के साथ चल रही है। इससे न केवल भारत और अमरीका को फायदा होगा, बल्कि कोरोना से जूझ रहे दुनियाभर के अरबों लोगों को लाभ मिलेगा।
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बता दें कि आयुर्वेद में कोरोना के इलाज ( Corona treatment in Ayurveda ) को लेकर पिछले दिनों योगगुरू बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि ने दावा किया था। बकायदा कोरोनिल नाम से दवा व किट भी लॉंच की गई थी। लेकिन बाद में विवादों में आने के कारण वापस लेना पड़ा था।