स्वीट्जरलैंड सरकार ने भारी विरोध के बावजूद एक बड़ा फैसला लेते हुए सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का या नकाब पहनना बैन कर दिया है। जिसके बाद से सरकार के इस फैसले को इस्लाम विरोधी बताकर विरोध किया जा रहा है। संसद में स्विस पीपुल्स पार्टी के सदस्य और जनादेश समिति की प्रमुख वाल्टर वॉबमान ने बयान देते हुए कहा कि स्विट्जरलैंड में चेहरा ढंकने की परंपरा नहीं है। हम अपना चेहरा दिखाना पसंद करते हैं।
नए कानून के अनुसार, महिलाएं अपना चेहरा ढंककर सार्वजनिक स्थानों, रेस्टोरेंट, स्टेडियम, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम और सड़क पर नहीं चल पाएंगी। हालांकि, धार्मिक स्थलों में, स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों के कारण चेहरा ढंकने की इजाजत है। इसके अलावा कोरोना महामारी से बचाव के लिए भी चेहरा ढंकने पर छूट होगी।
माना जा रहा है कि इस नए कानून के लागू होने के बाद चेहरा ढंककर सड़कों पर होने वाले हिंसक प्रदर्शन को रोका जा सकेगा। बता दें कि स्वीट्जरलैंड की आबादी 85 लाख के करीब है, लेकिन यहां पर कुछ ही महिलाएं बुर्का पहनती हैं। इसके बावजूद भी बुर्का पर बैन लगाकर सरकार ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
इन देशों में बुर्के पर है प्रतिबंध
आपको बता दें कि बुर्के पर प्रतिबंध लगाने वाला स्विट्जरलैंड दुनिया का पहला मुल्क नहीं है। इससे पहले कई देशों ने अपने यहां बुर्के पर प्रतिबंध लगा रखा है। कई यूरोपीय देशों में बुर्के को लेकर सख्त नियम हैं। नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना और जेल की सजा का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं कि किन-किन देशों में बुर्के पर प्रतिबंध है..
फ्रांस :- आपको बता दें कि फ्रांस में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहहने पर 2011 में बैन लगाया गया था। मुस्लिम महिलाओं के बुर्के पहहने पर प्रतिबंध लगाने वाला फ्रांस पहला यूरोपीय देश है। फ्रांस में बुर्का पहनने पर जुर्माना भी लगाया गया है और जबरन बुर्का पहनाने वालो करो दोषी माना गया है। कानून का उल्लंघन करने वालों पर 30 हजार यूरो (2.60 लाख रुपये) का जुर्माना हो सकता है। बता दें कि फ्रांस ने इससे पहले 2004 में धार्मिक चिन्ह पहनकर स्कूल जाने पर रोक लगा दी थी।
डेनमार्क :- यूरोपीय देश डेनमार्क में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर कानूनी रोक है। नियम का उल्लंघन करने पर 157 डॉलर (11.5 हजार रुपये) जुर्माने का प्रावधान है।
बुर्का पहनने पर चीन में पाबंदी, पकड़े जाने पर गिरफ्तार कर भेजा जा रहा है डी-रैडिकलाइजेशन सेंटर
स्पेन :- स्पेन के कई जिलों में बुर्के और नकाब पहनने पर प्रतिबंध है। सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों में प्रतिबंध पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि बुर्का पहनने पर बैन लगाना धार्मिक आजादी का उल्लंघन है। हालांकि, यूरोपीय मानवाधिकार कोर्ट ने बुर्के पर बैन को मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं माना है।
जर्मनी :- यूरोपीय देश जर्मनी में भी बुर्के पर प्रतिबंध है। सरकार ने 2017 में बुर्के और नकाब पहनने पर रोक लगा दी थी। इस नियम के तहत, सरकारी नौकरियों और सेना में शामिल महिलाएं बुर्का नहीं पहन सकती हैं। इसके अलावा ड्राइविंग के दौरान भी बुर्का पहनने पर रोक है। जर्मनी की एएफडी पार्टी बुर्के पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है।
बेल्जियम :- बेल्जिम में भी सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर रोक है। 2011 में बेल्जियम सरकार ने बुर्के पर बैन लगाया था। यदि कोई महिला इस कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़ी जाती है तो उसे सात दिन जेल की सजा या 1300 यूरो (1.13 लाख रुपये) जुर्माना हो सकता है।
हॉलैंड :- 2015 में हॉलैंड सरकार ने बुर्के और नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि यह प्रतिबंध सिर्फ स्कूलों, अस्पतालों एवं सार्वजनिक परिवहन तक ही सीमित है।
इटली :- यूरोपीय देश इटली में भी बुर्का पहनने पर प्रतिबंध है। हालांकि, यह प्रतिबंध राष्ट्रीय स्तर पर नहीं है। इटली के नोवारा में बुर्के पर प्रतिबंध लगाया गया है। यहां पर यदि कोई नियम का उल्लंघन करता है यानी कि इटली में बुर्के पहनने पर किसी तरह की सजा का कोई प्रावधान नहीं है।
आपको बता दें इन देशों के अलावा भी कई देश हैं जहां पर बुर्का या हिजाब या नकाब पहनना बैन है। इनमें श्रीलंका, चीन, ऑस्ट्रीया, नीदरलैंड आदि देश शामिल हैं।